scriptकोरोना का असर, रेलगाड़ियों को नहीं मिल रहा यात्रीभार | Corona effect, trains are not getting passenger load | Patrika News
कोटा

कोरोना का असर, रेलगाड़ियों को नहीं मिल रहा यात्रीभार

यात्रीभार कम होने के कारण स्टेशनों पर खाद्य और पेय पदार्थ बेचकर रोजगार करने वालों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। कुलियों को रोजगार नहीं मिलने से उनके परिवारों पर संकट आ गया है

कोटाJun 13, 2021 / 11:05 am

Jaggo Singh Dhaker

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कोटा. कोरोना वायरस संक्रमण का प्रभाव कम होने के बाद रेलवे की ओर से धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन अभी चुनिंदा ट्रेनों को ही पर्याप्त यात्री भार मिल रहा है। कई ट्रेनें अभी भी खाली चल रही हैं। इन ट्रेनों में आरक्षण चार्ट बनने के बाद भी करंट श्रेणी में टिकट उपलब्ध हो रहा है। कोटा जंक्शन से 13 जून को गुजरने वाली त्रिवेन्द्र-निजामुद्दीन स्पेशल एक्सप्रेस में सभी श्रेणियों में शनिवार रात 10 बजे करंट श्रेणी में आरक्षण उपलब्ध हो रहा था। सभी श्रेणियों में करीब 936 बर्थ खाली थी। सैकंड एसी में 77, थर्ड एसी में 296, शनयान में 313 और कुर्सीयान में 250 सीट खाली दिख रही थी। इसी तरह 13 जून को ही कोटा से गुजरने वाली बान्द्रा-निजामुद्दीन गरीब रथ एक्सप्रेस में 250 बर्थ उपलब्ध थी और इस ट्रेन में आगामी दिनों के लिए भी आरक्षण उपलब्ध हो रहा है। वहीं 13 जून की ही बान्द्रा-अमृतर स्पेशल ट्रेन में 12 जून देर रात तक करंट श्रेणी में आरक्षण मिल उपलब्ध था। एसी थर्ड श्रेणी में 96 और सैकंड एसी में 28 बर्थ खाली थीं। इसी तरह 13 जून को कोटा से गुजरने वाली बिलासपुर-बीकानेर स्पेशल में भी शनिवार को रात 10 बजे विभिन्न श्रेणियोंं में चार्ट बनने के बाद करीब 623 बर्थ करंट कोटे में उपलब्ध हो रही थी। वहीं 13 जून को जाने वाली बान्द्रा-माता वैष्णोदेवी स्पेशल ट्रेन में कन्फर्म बर्थ उपलब्ध नहीं है। रात 10 बजे कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस में बर्थ उपलब्ध नहीं थी। यात्रीभार कम होने के कारण स्टेशनों पर खाद्य और पेय पदार्थ बेचकर रोजगार करने वालों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
मास्क को लेकर दिख रही लापरवाही
रेलवे धीरे-धीरे बंद यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू कर रहा है, लेकिन कुछ यात्री लापरवाही करते दिख रहे हैं। सफर के दौरान बिना मास्क के सफर करने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। कोटा जंक्शन पर कई स्टॉल संचालक चालान के भय से मास्क लगा रहे हैं। कोई जांच करने आता है तब मास्क लगा लेते हैं और बाकि समय कई स्टॉल संचालक मास्क नहीं लगाते। कुछ स्टॉल संचालक जागरूकता दिखाते हुए मास्क लगाकर ही व्यवसाय कर रहे हैं। रेल प्रशासन की ओर से स्टेशन पर बिना मास्क पहनने वालों से जुर्माना वसूलने की कार्यवाही भी की जा रही है, लेकिन ट्रेनों में सफर के दौरान चैकिंग नहीं हो रही है।
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