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धारीवाल बोले, केंद्र से नहीं मिल रही मदद, गेहूं सड़ने के बाद बाटेंगे क्या

locationकोटाPublished: Apr 22, 2020 08:20:18 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

स्वायत्त शासन मंत्री से पत्रिका की बातचीत
 

धारीवाल बोले, केंद्र से नहीं मिल रही मदद, गेहूं सड़ने के बाद बाटेंगे क्या

धारीवाल बोले, केंद्र से नहीं मिल रही मदद, गेहूं सड़ने के बाद बाटेंगे क्या

कोटा. कोरोना को लेकर राज्य में जो हालात बने हुए हैं,उसको लेकर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। केन्द्र से भी मदद मांगी है, लेकिन मिल नहीं रही है। राज्य को 11 हजार करोड़ से ज्यादा राशि देनी है, वही लंबित है। उन्होंने कहा, एफसीआई के गोदामों में रखे गेंहू को जरूरतमंदों को बांट देना चाहिए। ऐसा नहीं हो कि वह गोदामों ही सड़ जाए। उनसे बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।
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सवाल-लॉकडाउन और इसके खत्म होने के बाद सरकार की क्या प्राथमिकता रहेगी।
जवाब– सबसे बड़ी प्राथमिकता तो महामारी को नियंत्रण करना और स्थिति को सामान्य करने की है। जब लॉकडाउन खुल जाएगा तब भी पहली प्राथमिकता यही रहेगी कि दुबारा संक्रमण नहीं हो पाए।
सवाल-क्या सरकार उद्योग और रोजगार के लिए पैकेज देने पर विचार कर रही है।
जवाब- राज्य सरकार ने पैकेज घोषित कर दिया है। पिछले एक माह से राज्य सरकार केंद्र से राज्य के लिए पैकेज देने का आग्रह कर रही है, परंतु केंद्र का सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। यहां तक कि राज्य को दी जाने वाली अपने हक की राशि जो 11 हजार करोड़ से भी ज्यादा है वह केंद्र से राज्य को नहीं मिली है।
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सवाल– केन्द्र से और क्या मदद मांगी है
जवाब– मुख्यमंत्री ने केंद्र से आग्रह किया है कि जिनके राशन कार्ड चालू नहीं है उन परिवारों को निशुल्क 10 किलो गेहूं हर 10 दिन में केंद्र को देना चाहिए। एफसीआई के गोदामों में करोड़ों टन गेहूं पड़ा हुआ है और नया गेहूं आ रहा है। पुराने गेहूं को निकाल कर बांट देना चाहिए, वरना खराब हो जाएगा और फेंकना पड़ेगा। पहले भी ऐसा हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने पुराने गेंहू को बांटने का एक बार आदेश भी दिया था।

सवाल- लॉकडाउन से पहले राज्यभर में करोड़ों की योजनाएं स्वीकृत हुई थीं, इन कार्यों को शुरू करने की क्या योजना है।
जवाब-लॉकडाउन के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा जरूर है, परंतु सरकार हर घोषित योजना का क्रियान्वयन करने का इरादा रखती है।
सवाल– कोरोना के बाद कामकाज के तरीके में किस तरह बदलाव होगा, पट्टे देने जैसे कार्य होंगे या नहीं।
जवाब-कोरोना महामारी से बचाव के लिए सावधानी बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। दफ्तर सेनेटाइज होंगे। यहां आने वाले लोगों को भी इसका पालन करना होगा। पट्टे देने व अन्य राहत कार्यों में विलंब हो सकता है परंतु स्थिति नियंत्रण में आने के बाद यह सब काम होंगे।
सवाल- क्या महामारी से प्रदेश में विभाग की ओर से विकास कार्यों पर किसी तरह की रोक लगेगी।
जवाब- जो कार्य महामारी के प्रभाव से प्रभावित हो रहे हैं उन्हें नियंत्रण के बाद योजनाबद्ध तरीके से बिना समय गंवाए पूरा किया जाएगा।

सवाल- राज्य में जयपुर, जोधपुर, भरतपुर और कोटा में कोरोना व्यापक स्तर पर फैला है, इन शहरों को पटरी पर लाने के लिए क्या योजना है।
जवाब- इन सभी जगह केंद्र और राज्य की गाइडलाइन के अनुसार कार्य किया जा रहा है। पड़ौस के राज्य गुजरात और मध्यप्रदेश की तुलना में राजस्थान की स्थिति काफी नियंत्रण में है।
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