7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लॉकडाउन के बाद बिजली तो कही टीवी बन रही पढ़ाई में रोड़ा,दूरदर्शन बना शिक्षक

Corona lockdown में बच्चों की पढ़ाई शुरू, दूरदर्शन पर पहले दिन लगी गणित,विज्ञान और फिजिक्स की क्लास

3 min read
Google source verification

कोटा

image

Suraksha Rajora

Jun 02, 2020

लॉकडाउन के बाद बिजली तो कही टीवी बन रही पढ़ाई में रोड़ा,दूरदर्शन बना शिक्षक

लॉकडाउन के बाद बिजली तो कही टीवी बन रही पढ़ाई में रोड़ा,दूरदर्शन बना शिक्षक

@सुरक्षा राजोरा
कोटा. दूरदर्शन पर सोमवार से माध्यमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू हो गई। शिक्षा दर्शन कार्यक्रम के तहत दोपहर एक से ढाई बजे के बीच शिक्षकों के व्याख्यान प्रसारित किए गए। जिसका अधिकांश छात्र-छात्राओं ने लाभ उठाया। हालांकि, कई छात्र-छात्राएं विभिन्न कारणों के चलते इससे वंचित रह गए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जो छात्र किसी कारणवश टीवी पर लाइव प्रसारण नहीं देख पा रहे हैं, वह बाद में दूरदर्शन के यूट्यूब चैनल से विषयवार पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि ऐसे बच्चो को वाट्सएप ग्रुप के जरिए भी सामग्री पहुंचाई जाएगी।

लॉकडाउन के बीच सरकारी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई सुचारू रहे, इसके लिए सरकार ने दूरदर्शन से करार किया है। जिसके तहत रोजाना कक्षा 9, 10 और 12 के छात्रों के लिए विज्ञान गणित,भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान की 30 30 मिनट की कक्षा लगनी है। 12.30 से 2.30 व 3 से 4.15 तक और कक्षा एक से आठवीं के लिए शिक्षण सामग्री का प्रसारण सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन तीन घंटे पंद्रह मिनिट तक किया।


सोमवार को इसका पहला दिन था। 12.30 बजते ही छात्र-छात्राएं टीवी के सामने नोटबुक लेकर बैठ गए। पहले दिन 9वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए गणित, अंग्रेजी और भौतिक विज्ञान की कक्षाओं का प्रसारण हुआ। शिक्षकों ने अपनी कक्षा के पहले दिन पाठ्यक्रम और बोर्ड परीक्षा के हिसाब से हर चैप्टर की महत्ता और उनसे पूछे जाने वाले प्रश्नों की जानकारी दी। जिन छात्रों ने प्रसारण देखा, उन्होंने इसे लाभदायक बताया। हालांकि, कई छात्र-छात्राएं विभिन्न कारणों से प्रसारण नहीं देख सके।

किसी के घर टीवी नहीं, तो कहीं केबल

कोरोना के चलते घरों में कैद बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन, कुछ छात्र ऐसे हैं जिनके घर पर टीवी नहीं है तो कुछ बच्चों के अभिभावकों ने उनकी टीवी देखने की आदत छुड़वाने के लिए केबल कनेक्शन ही कटवा रखा है। कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके घर में स्मार्टफोन की भी सुविधा नहीं है। ऐसे छात्रों के लिए पढ़ाई कर पाना खासा मुश्किल साबित हो रहा है। दसवीं के छात्र अभिषेक शर्मा कहते हैं कि मुझे प्रसारण बहुत अच्छा लगा। पहले दिन हमने गणित विज्ञान की पढ़ाई की। उम्मीद है कि जल्द दूसरे विषयों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। घर पर बैठे पढ़ाई करने का यह बेहतर तरीका है

वहीं, 12वीं की छात्रा मीना वर्मा ने बताया कि इन दिनों वह हिंगोनिया अपने गांव में रह रही है। वहां टीवी नहीं है, जिसके चलते वह प्रसारण नहीं देख सकी। यू-ट्यूब पर भी बहुत खोजा, लेकिन व्याख्यान नहीं मिला। कक्षा बारह के छात्र आकाश का कहना है कि पहले दिन भौतिक विज्ञान पढ़ाई करवाई गई। भौतिक विज्ञान में पाठ्यक्रम बताया गया। यह एक बेहतर पहल है। इससे पढ़ाई में आसानी होगी।

दूरदर्शन पर चल रही कक्षाओं में बाधा बनी बिजली


दूरदर्शन के माध्यम से एक से आठवीं व बोर्ड के 9वीं, 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं की दूरदर्शन के माध्यम से संचालित कक्षाओं के दौरान बिजली की आपूर्ति सुचारू रखनी होगी। पहले दिन ग्रामीण क्षेत्रों में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

जिला शिक्षा अधिकारी गंगाधर मीणा ने बताया कि जिला स्तर पर मुख्य शिक्षाधिकारियों को विकासखंड स्तर और शिक्षकों से इसका फीडबैक लिया जा रहा है। दरअसल, दूरदर्शन से उक्त कक्षाओं का प्रसारण में संवाद की व्यवस्था वन-वे है। ऐसे में छात्रों को होने वाली कठिनाइयों का फीडबैक लेने का जिम्मा शिक्षकों और विभागीय शिक्षाधिकारियों को सौंपा गया है।


इनका कहना
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सहायक निदेशक ऋतु शर्मा ने बताया कि कोटा जिले में कुल 140352 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। 93238 कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत हैं जिनमें से लगभग 30,000 के लाभान्वित होने की संभावना है । कक्षा 1 से 8 में कुल 97114 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिनमें से लगभग 60000 विद्यार्थियों के लाभान्वित होने की संभावना है जिले से कुल 90000 विद्यार्थी लाभान्वित हो सकते हैं। परंतु पहला दिन होने के कारण अभिभावकों द्वारा सही तरीके से समय सारणी को समझने में दिक्कत हुई है। विद्यार्थियों तक विभाग के पास उपलब्ध स्माइल व्हाट्सएप ग्रुप एवं समाचार पत्र द्वारा सूचना पहुंचाई गई है।

क्योंकि केवल 30 से 40 प्रतिशत अभिभावकों के पास मोबाइल है इसलिए व्यापक पहुंच के लिए प्रचार प्रसार के अन्य साधन जैसे रेडियो एवं दूरदर्शन का उपयोग करना होगा। जिन विद्यार्थियों ने कार्यक्रम द्वारा अध्ययन किया है उन्हें सामग्री रुचिकर लगी,साथ ही पढ़ाई करने का उत्साह भी दिखा।