scriptक्रिसमस से पहले फिजा में नहीं घुलेंगे क्रिसमस के गीत | Corona's impact on Christmas-2020 | Patrika News

क्रिसमस से पहले फिजा में नहीं घुलेंगे क्रिसमस के गीत

locationकोटाPublished: Dec 10, 2020 11:03:42 pm

Submitted by:

Hemant Sharma

कोटा. शहर मेंं हर वर्ष क्रिसमस से पहले क्रिसमस की धूम शुरू हो जाती है। क्रिसमस से पहले देर शाम तक क्रिसमस के गीत गूंजायमान होते हैं। कोरोना के संक्रमण व सरकार की गाइड लाइन की पालना में इस वर्ष केरॉल सिंगिंग के रूप में विशेष गीतों की मिठास शहर की फिजा में नहीं घुलेगी।विभिन्न क्षेत्रों में स्थित चर्चाे के पदाधिकारियों व समाज के लोगों के अनुसार इस वर्ष केरॉल सिंगिंंग के आयोजन नहीं होंगे।
 

christmas celebration-2020

क्रिसमस से पहले फिजा में नहीं घुलेंगे क्रिसमस के गीत

कोटा. शहर मेंं हर वर्ष क्रिसमस से पहले क्रिसमस की धूम शुरू हो जाती है। क्रिसमस से पहले देर शाम तक क्रिसमस के गीत गूंजायमान होते हैं। कोरोना के संक्रमण व सरकार की गाइड लाइन की पालना में इस वर्ष केरॉल सिंगिंग के रूप में विशेष गीतों की मिठास शहर की फिजा में नहीं घुलेगी। विभिन्न क्षेत्रों में स्थित चर्चाे के पदाधिकारियों व समाज के लोगों के अनुसार इस वर्ष केरॉल सिंगिंंग के आयोजन नहीं होंगे।
सब्जीमंडी स्थित सीएनआई चर्च के सचिव संदीप पॉल, रायपुरा स्थित इम्मानुअल चर्च के मिशन पास्टर मॉरीसन बेबी व स्टेशन स्थित सेंट जोसफ चर्च के सदस्य राजू जेवीयर ने बताया कि कोरोना संक्रमण व सरकार की गाइडलाइन की पालना मेंं केरॉल सिंगिंग नहीं करने का निर्णय लिया है। स्थितियों को देखते हुए क्रिसमस के आयोजनों को लेकर निर्णय किया जाएगा।
कैसे होती है केरॉल सिंगिंग

प्रभु यीशु के जन्म की खुशियों में क्रिसमस पर्व से कुछ दिन पहले से शहर में केरॉल सिंङ्क्षगग की जाती है। समाज के लोग शहर भर में शाम के समय समाज के हर घर में जाते हैं और गीतों के रूप में प्रभु यीशु की महिमा का गुणगान करते हुए उनके जन्म की खुशियां बनाते हैं, उनके जन्म का संदेश देते हैं।
विशेष वाद्ययंत्रों के साथ गीतों का गायन किया जाता है। सांता बच्चों को उपहार देता है। सीएनआई चर्च के सचिव पॉल ने बताया कि 15 दिसम्बर से केरॉल सिंगिंगशुरू कर दी जाती है। पॉल व अन्य ने बताया कि कोरोना के कारण संक्रमण की स्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया है। इसी में सभी की भलाई है।
इधर बाजार में रोनक

बाजार में क्रिसमस की रोनक दिखाई देने लगी है। पर्व को लेकर लोगों के रूझान को देखते हुए विक्रेताओं ने तैयारी कर ली है। इसके चलते बाजार में रंग बिरंगे चमकीले स्टॉर्स, बेल, सांता क्लाूज व क्रिसमस के आकर्षक उपहार नजर आएंगे। गुमानपुरा क्षेत्र में विक्रेता सुरेन्द्र सिंह के अनुसार सस्ते महंगे सभी तरह के उपहार इस वर्ष आए हैं। महज 1से 11 फुट ऊंचे क्रिसमस ट्री, छोटे बड़े स्टार व झूमर, वंदनवार, स्टीगर समेत कई उपहार व डेकोरेटिव सामग्री बाजार में है।
विक्रेताओं के अनुसार हमेशा 20 से 25 दिन पहले क्रिसमस की खरीदारी शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए आने वाले एक दो दिन में पर्व की खरीदारी जो पकड़ेगी। इधर डेकोरेटिव सामग्री खरीदने आई कंवलजीत कौर बताती है कि सजावट के लिए पहले से तैयारी करते हैं। त्योहार खुशियां बांटने का नाम है। इसके चलते हम लोग घर पर धूमधाम से क्रिसमस सेलीब्रेट करते हैं।
पर्व को लेकर जल्द निर्णय

विभिन्न चर्चों के पदाधिकारियों के अनुसार क्रिसमस में करीब दो सप्ताह का समय है। चर्चों में क्रिसमस किस तरह से मनाया जाएगा, इस पर कमेटी चर्चा कर तय करेगी। हमेशा तो क्रिसमस की पूर्व संध्या में हमेशा मिडनाइट सर्विव व दूसरे दिन क्रिसमस प्रेयर होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो