ईएमआई जमा करने के लिए बैंक तीन माह और दबाव नहीं बना पाएंगे
रावतभाटा. कोविड-19 के प्रकोप के कारण उद्योग धंधे बंद होने व वेतन में कटौती होने से जो व्यक्ति बैंकों में लोन की किश्त जमा नहीं करवा पा रहे हैं। उनके लिए खुशखबरी है। उन्हें लोन की किश्त (ईएमआई) जमा कराने के लिए बैंक उन पर तीन माह और दबाव नहीं बना पाएंगे। यही नहीं उन पर पेनल्टी भी किसी प्रकार की नहीं लगेगी लेकिन बैंक को ब्याज तो नियमानुसार प्रत्येक माह का देना पड़ेगा। आरबीईआई ने हाल ही में कोविड-19 के प्रकोप के कारण तीन माह यानि जून, जुलाई व अगस्त तक ईएमआई वसूली के लिए बैंकों को दबाव बनाने से मना कर दिया है। यानि कोई भी सरकारी व निजी बैंक 31 अगस्त तक अपने ग्राहकों से किसी भी तरह के लोन की ईएमआई जमा कराने के लिए दबाव नहीं बना पाएगा लेकिन जो लोग स्वेच्छा से मासिक किश्त जमा करेंगे। उनके लिए बैंकों ने एसएमएस का ऑप्शन भी दिया है। वे निर्धारित तारीख से पहले अपने खाते मेंं बैंक की किश्त की राशि डलवा दें। निर्धारित तारीख पर किश्त खाते से राशि कट जाएगी।
व्यापारियों को 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त लोन मिलेगा
जिन व्यापरियों का बैंकों मेंंं पहले से लोन चल रहा है। उनकी बैंकों में यदि साख अच्छी है। उन व्यापारियों में से किसी को कोविड-19 के कारण आए आर्थिक संकट से ेकारण पुन: लोन की आवश्यकता पड़ रही है तो उसे बैक 10 से 30 प्रतिशत तक देगा, जबकि 31 मार्च से पहले व्यापरियों को 10 प्रतिशत लोन दिया जाता था।
पुराने ग्राहकों को टॉपअप का ऑफर
जिन लोगों ने पूर्व में लोन ले रखा है। यदि वह अपनी समय पर किश्तों को जमा करवा रहे हैं। उनकी बैंक मेें साख भी अच्छी है तो बैंक उन्हें टॉपअप का ऑफर कर रहे हैं। साथ ही उन्हें पर्सनल लोन, कार लोन सहित अन्य व्हीकल लोन का भी ऑफर दिया जा रहा है। यही नहीं कई निजी बैंकों ने टॉपअप लोन कराने के लिए कर्मचारियों को टारगेट भी दे दिए हैं।
हैल्थ व लाइफ इंश्योरेंस का दबाव
लॉकडाउन के चलते बैंकों के पास नकद का संकट आ गया है। साथ ही लोन देन भी काफी कम हो गया है। ऐसे मेंंं कई बैंकों ने अपने कर्मचारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वे कर्मचारियों को होमलोन सहित अन्य लोन देने के बड़े बड़े टारगेट तो दे रहे हैं। साथ ही ज्यादा से ज्यादा हैल्थ व लाइफ इंश्योरेंस कराने का दबाव बना रहे हैं, क्योंकि बैंकों के पास उक्त पैसा नकद आता है।
यह है उपखंड की स्थिति
उपखंड में 15 बैंक हैं। इसमें से 7 राष्ट्रीयकृत, 3 ग्रामीण व 5 निजी बैंक हैं। यदि बैंक अधिकारियों की माने तो उक्त 15 बैंकों में लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन 20 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन होता था लेकिन लगातार लॉक डाउन होने से बैंकों में कारोबार काफी घट गया है।
वर्जन
कोविड-19 के प्रकोप के कारण बैंक तीन माह और ग्राहक पर ईएमआई जमा कराने का दबाव नहीं बना पाएंगे। पूर्व में इसकी अवधि 31 मई थी, जिसे आरबीआई ने 31 अगस्त कर दिया है।
मेहंदी रत्ता, लीड बैंक अधिकारी, चितौडगढ़