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भक्त और भगवान के बीच भी कोरोना, 350 सालों के इतिहास में पहली बार प्राचीन श्री मथुराधीश मंदिर में दर्शन बंद

locationकोटाPublished: Mar 19, 2020 08:43:36 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

coronavirus effect प्रथम पीठाधीश्वर श्री विठ्ठलनाथ महाराज के आदेशनुसार बड़े मथुराधीश टेंपल बोर्ड ने लिया निर्णय

भक्त और भगवान के बीच भी कोरोना, 350 सालों के इतिहास में पहली बार प्राचीन श्री मथुराधीश मंदिर में दर्शन बंद

भक्त और भगवान के बीच भी कोरोना, 350 सालों के इतिहास में पहली बार प्राचीन श्री मथुराधीश मंदिर में दर्शन बंद

कोटा. कोरोना वायरस का खतरा अब भगवान और भक्त के बीच भी दूरियां बढ़ा रहा है। राजस्थान में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशभर में धारा 144 लागू किए जाने के निर्देश के साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रम और धार्मिक स्थलों पर लोगो के इक्कठ्ठे नही होने पर रोकलगा दी गई है। इसके मद्ेनजर अब आयोजक भी एहतियात बरत रहें है।
शहर के प्राचीन प्रथम मथुराधीश मंदिर जहां दर्शन के लिए हजारो की तादाद में लोग पहुंचते है, यहां भी अब दर्शन नही हो सकेगें। प्रथम पीठाधीश्वर श्री विठ्लनाथ महाराज के आदेशानुसार बड़े मथुराधीश टेंपल बोर्ड ने निर्णय लेते हुए अग्रिम आदेश तक मंदिर को बंद कर दिया है। बड़े मथुराधीश मंदिर कोषाध्यक्ष चेतन सेठ ने भक्तों से अपील की है साथ ही मंदिर परिसर के बाहर सुचना चस्पा की गई है।
उल्लेखनीय है कि मंदिर में कीर्तन आदि पूर्व में ही बंद किए जा चुके हैं। इससे पहले केवल तीन समय के दर्शन 15 मिनट के लिए ही करने की छूट दी गई थी। मंदिर में प्रतिदिन मंगला आरती, ग्वाल, राज भोग, आरती, उत्थापन, शयन के दर्शन होते हैं। हालांकि शयन के दर्शन रामनवमी से बंद रहते है तथा कार्तिक बदी अष्टमी में खुलने लग जाते है। मंदिर पर सामान्य दिनों में 2 हजार और अवकाश वाले दिनों में 3 से 4 हज़ार की संख्या में भक्त आते है। पर्वों पर 10 से 12 हज़ार एवं सम्पूर्ण वर्ष में लगभग 12 से 15 लाख भक्त दर्शन करते हैं।

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