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हमारा काम घर पहुंचाना नहीं
सलीम ने बताया कि जांच के बाद कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाने पर चिकित्सक ने उसे घर जाने को कहा। सलीम ने चिकित्सक को अपनी विवशता बताई तो 108 एंम्बुलैंस पर फोन करने को कहा। 108 एंम्बुलैंस वाले बोले हमारा काम चिकित्सालय लाने का है घर छोडऩे का नहीं। 100 नंबर पर फोन करने पर किसी गाड़ी के आने पर उसे छोडऩे व भोजन के पैकिट पहुंचाने का आश्वासन मिला।
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रात डेढ़ बजे मिला भोजनमेडिकल कालेज में लगे पुलिसकर्मियों के लिए भोजन के पैकिट आए तो पुलिसकर्मियों ने उसे मंगलवार रात डेढ़ बजे एक पैकिट सौंपा। उसने मेडिकल कालेज के बाहर रात बिताई। बुधवार सुबह क्रेशर रोड से पदयात्रा करते हुए अनंतपुरा पहुंचा। एक जने ने उसे दो रोटी दी। वह पैदल निकला तो एक बाइक सवार ने उसे दरा तक दूसरे ने अमझार व तीसरे ने गिड़गिड़ाने व जांच रिपोर्ट तथा ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने पर ढाबादेह तक छोड़ा।
क्या कहते हैं अधिकारी
ब्लाक चिकित्साधिकारी रईस खान ने माना कि संदिग्धों की जांच नैगेटिव आने पर उन्हें वापस रामगंजमंडी छोडऩे की कोई व्यवस्था नहीं है। उप जिला कलक्टर के साथ गुरुवार हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कोटा भेजे जाने वाले रोगी को वापस लाने के लिए वाहन का प्रबंध रखा जाएगा।
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साधन नहीं, पैदल आयाढाबादेह में हिरियाखेड़ी चौराहे से निमाणा होते हुए करीब 13 किलोमीटर का सफर तय कर वह पैदल बुधवार शाम साढ़े पांच बजे घर पहुंचा। सलीम ने मंगलवार शाम से बुधवार शाम के 24 घंटे की आपबीती सुनाई तो कई बार गला भर आया। सलीम का कहना था कि जब चिकित्सा विभाग जांच के लिए ले जाता है तो उसे वापस भी छोड़े।