बालूहेड़ा से खेड़ली काकूनिया तक मनरेगा में करीब 26 लाख रुपए की लागत से तीन किमी ग्रेवल सडक़ बनाई जा रही है। गत 29 मई को जिला परिषद सीईओ आरडी मीणा ने निरीक्षण किया तो प्रथम दृष्टया सडक़ कार्य तय मापदंड के अनुसार नहीं होना माना और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता जेपी गुप्ता व तकनीकी अधिकारी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। बाद में अधिशासी अभियंता गुप्ता ने स्वयं अपने स्तर पर सडक़ की जांच की।
ऐसे नकारी रिपोर्ट
सीईओ को भेजी रिपोर्ट में अधिशासी अभियंता गुप्ता ने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट में कार्य में नदी की ग्रेवल उपयोग में लेने तथा उसकी पी1 वेल्यू 6 से कम होने तथा बाइंडिंग लेवल मात्रा न के बराबर होने की बात कही गई है, लेकिन नदी की ग्रेवल की गुणवत्ता की टेस्टिंग गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के मापदंड अनुसार है, तभी इसका कार्य में उपयोग किया गया है।
तब चल रहा था काम
रिपोर्ट में अधिशासी अभियंता ने बताया कि टेस्टिंग रिपोर्ट के अनुसार पी1 वेल्यू 5.50 थी। मानकों के अनुरूप पी 1 वेल्यू 6 से ज्यादा नहीं होती। निरीक्षण के दौरान ग्रेवल का कार्य प्रगति पर था, श्रमिकों की कमी से लेवलिंग एवं ड्रेसिंग का कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। निरीक्षण के बाद इस कार्य को पूर्ण करा दिया गया है।
गुणवत्ता निरीक्षण के दिए निर्देश
अधिशासी अभियंता ने बताया कि कार्य में श्रम मद में स्वीकृत राशि 17.23 लाख में अभी तक 4.46 लाख रुपए का ही भुगतान किया गया है। कार्य में तकनीकी अधिकारी एवं सहायक अभियंता की लापरवाही किसी स्तर पर प्रमाणित नहीं होती, फिर भी इन्हें कार्य की गुणवत्ता जांचते रहने के निर्देश दिए हैं।
ठीक करा दी है
आरडी मीणा, जिला परिषद के सीईओ, का कहना है की सडक़ का रनिंग वर्क था। काम पूरा नहीं हुआ था। उस समय सडक़ घटिया मिली थी, लेकिन बाद में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सडक़ का निर्माण सही कर दिया। हम भी यहीं चाहते थे। इसलिए आगे की कार्रवाई नहीं की गई।