कोटा. न्यायालय ने मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में शुक्रवार को दो आरोपियों को संदेह के लाभ में दोषमुक्त कर दिया, जबकि केस में खामियां रखने के लिए जब्ती अधिकारी तत्कालीन महावीर नगर थानाधिकारी कालूराम वर्मा एवं संबंधित पुलिसकर्मियों द्वारा बरती गई उपेक्षा एवं लापरवाही के लिए डीजी व एसपी को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए।
न्यायालय ने आदेश में लिखा कि जब्ती अधिकारी कालूराम वर्मा एवं केस से संबंधित सभी पुलिसकर्मियों द्वारा उनके न्यायालय में बड़े उपेक्षापूर्ण ढंग से बयान दिए गए हैं। इसके कारण एनडीपीएस एक्ट के अत्यंत गंभीर प्रकरण में आरोपियों को दोषमुक्त किया गया। यह आदेश न्यायालय NDPS court की विशिष्ट न्यायाधीश अनुपमा राजीव बिजलानी ने दिए।
यह था मामला
11 नवम्बर 2016 को महावीर नगर के तत्कालीन थानाधिकारी कालूराम वर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों ने बालाजी मार्केट मेन रोड पर नाकेबंदी व चेकिंग के दौरान मप्र के मंदसौर जिले के नारगढ़ निवासी गोपालसिंह उर्फ बंटी व नीमच निवासी प्रहलाद राज की तलाशी ली। इसमें गोपाल सिंह के थैले से 1 किलो 570 ग्राम डोडा चूरा व प्रहलाद राज के थैले से 9 ग्राम स्मैक बरामद की।
11 नवम्बर 2016 को महावीर नगर के तत्कालीन थानाधिकारी कालूराम वर्मा व अन्य पुलिसकर्मियों ने बालाजी मार्केट मेन रोड पर नाकेबंदी व चेकिंग के दौरान मप्र के मंदसौर जिले के नारगढ़ निवासी गोपालसिंह उर्फ बंटी व नीमच निवासी प्रहलाद राज की तलाशी ली। इसमें गोपाल सिंह के थैले से 1 किलो 570 ग्राम डोडा चूरा व प्रहलाद राज के थैले से 9 ग्राम स्मैक बरामद की।
पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया। जांच करते हुए पुलिस ने दोनों को जांच में दोषी मानते हुए कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में अभियोजन पक्ष ने 9 गवाहों के बयान कराए। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस ने प्रकरण में किसी भी व्यक्ति को स्वतंत्र गवाह कार्रवाई के लिए बनाने का प्रयास नहीं किया, जबकि जब्ती की कार्रवाई सार्वजनिक स्थल पर हुई।
धारा 50 अधिनियम के वैधानिक प्रावधानों की पालना सुनिश्चित नहीं की गई। इधर विशिष्ठ लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि पुलिस द्वारा इस मामले में दोनों आरोपियों के कब्जे से डोडा चूरा एवं स्मैक बरामद की गई। उन्होंने दोनों आरोपियों को दोष सिद्ध किए जाने का आग्रह किया।