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कोटा के अस्पतालों में मौत के बाद शव की होती है ऐसी दुर्गति कि देखने वालों की कांप उठे रुह

locationकोटाPublished: Aug 21, 2019 04:45:59 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

MBS Hospital: कोटा के बड़े अस्पतालों में डीप फ्रीजर खराब होने से शवों की दुर्गति हो रही है।

Deep freezer

कोटा के अस्पतालों में मौत के बाद शव की होती है ऐसी दुर्गति कि देखने वालों की कांप उठे रुह

कोटा. मेडिकल कॉलेज ( Medical College Hospital ) संबद्ध अस्पतालों की लापरवाही केचलते मोर्चरी में शवों की दुर्गति हो रही है। ( Dead body misery ) एमबीएस अस्पताल ( MBS Hospital ) की मोर्चरी में पांच डीप फ्रिजर है, ( Deep freezer ) लेकिन इनमें से एक तीन साल व दूसरा तीन माह से खराब पड़ा है, इसे ठीक करवाने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। हालात यह हो गए कि शवों की चूहों द्वारा दुर्गति की जा रही है। बावजूद अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। इसके अलावा नए अस्पताल में पांच साल से वीरान पड़ी मोर्चरी को चालू नहीं किया जा रहा है। वहां छह डेड बॉडी रखने का डीप फ्रिजर पड़ा-पड़ा खराब हो गया।
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एमबीएस अस्पताल में रोजाना पांच से छह डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए आती है, लेकिन यहां पर पांच में से तीन डीप फ्रिजर ही चालू है। डेड बॉडी ज्यादा आने पर यहां एक एसी रूम बना रखा है। वहां शवों को रखकर काम चलाना पड़ रहा है। कई बार हालात यह हो जाते है कि डेड बॉडियों को बाहर ट्रॉलियों पर ही रखा जाता है। सोमवार को भी हालात यह बन गए। अधिक डेड बॉडी एक साथ आने से बूंदी निवासी जाहिद हुसैन के शव को मोर्चरी में डीप फ्रिजर के अभाव में ट्रॉली पर छोडऩे से चूहों ने उसके शव को तीन जगहों पर कुतर कर दुर्गति कर दी।

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फर्म पर कार्रवाई नहीं
मेडिकल ज्यूरिस्ट की ओर से अस्पताल प्रशासन को कई बार पत्र लिखकर डीप फ्रिजर को ठीक करने के लिए लिखा। अस्पताल प्रशासन ने भी फर्म को कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया दिया है, लेकिन फर्म ठीक करने नहीं आ रही है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन फर्म पर कोई कार्रवाई कर रहा है और न ही दूसरी फर्म को ठेका दिया जा रहा है।

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टेण्डर प्रक्रिया में उलझा पेस्ट कंट्रोल
अस्पताल प्रशासन ने मोर्चरी में पेस्ट कंट्रोल का ठेका एक फर्म को दिया था। शपथ पत्र के अभाव में टेण्डर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। इसलिए मोर्चरी व आसपास पेस्ट कंट्रोल नहीं हो सका। जब सोमवार को जाहिद हुसैन के शव की दुर्गति हुई तो अस्पताल प्रशासन ने दूसरी फर्म से पेस्ट कंट्रोल करवाया और चूहों को मारने के लिए दवा छिड़काई।

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पांच साल में हो गया खराब
नए अस्पताल में नई मोर्चरी बनाई गई थी। वहां छह डेड बॉडी का डीप फ्रिजर खरीदा गया था, लेकिन मेडिकल ज्यूरिस्ट के अभाव में मोर्चरी चालू नहीं की गई और डीप फ्रिजर रखे रखे खराब हो गया। अस्पताल प्रशासन अब मोर्चरी को चालू करने में जुटा है तो डीप फ्रिजर को चैक किया। यहां उसकी गैस लिकेज व अन्य उपकरण जवाब दे गए। कम्पनी ने लाखों का बिल बनाकर दे दिया तो अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए। अब अस्पताल प्रशासन स्थानीय स्तर पर उसे ठीक करवाने की मशक्कत में जुटा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ सीएस सुशील ने बताया कि मोर्चरी को चालू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टेबल व अन्य उपकरण खरीद की जाएगी। उसके बाद सितम्बर तक उसे चालू किया जाएगा।
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एमबीएस अस्पताल में मोर्चरी में शव की दुर्गति को लेकर अस्पताल अधीक्षक व फोरेंसिक विभाग के एचओडी की बैठक ली और शव को ट्रॉली पर रखने वाले कर्मचारी को हटाने के आदेश दिए। डीप फ्रिजर ठीक करने नहीं आने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट व शास्ति काटने के आदेश दिए। दूसरी फर्म को ठेका देकर जल्द डीप फ्रिजर को ठीक करवाने के आदेश दिए है।
डॉ. विजय सरदाना, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
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