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कोटा में कहर बरपा रहा डेंगू, 450 से ज्यादा लोग पॉजीटिव, स्क्रब टायफस भी लगा चुका शतक

locationकोटाPublished: Oct 21, 2019 05:11:22 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

Dengue: scrub typhus: शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रोजाना नए डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं।

Dengue and scrub typhus

कोटा में कहर बरपा रहा डेंगू, 450 से ज्यादा लोग पॉजीटिव, स्क्रब टायफस भी लगा चुका शतक

कोटा. शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ( Dengu ) रोजाना नए डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं। बावजूद डेंगू का असर कम नहीं हो रहा है। (Dengu outbreak ) अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या चिकित्सा विभाग ( medical Department ) के पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य आपके द्वार घर-घर अभियान की पोल खोलता है। विभाग ने तीन दिन सर्वे कर शहरवासियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। न तो सही तरीके से एंटी लार्वा एक्टिविटी की जा रही, न ही नगर निगम की ओर से फोगिंग।
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डेंगू के सात और मरीज सामने आए
शहर में रविवार को भी डेंगू के सात और मरीज सामने आए हैं। चिकित्सा विभाग के अनुसार भीमगंजमंडी 7, गोविंदनगर, चन्द्रघटा, टिपटा, रंगबाड़ी, शोपिंग सेंटर से एक-एक डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने आया है।


एक ही दिन में 29 डेंगू पॉजीटिव
जिले में इस सीजन में डेंगू का आंकड़ा 450 से पार हो गया है। अब तक कुल 475 डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने आ चुके हैं। गौरतलब है कि इस सीजन में शनिवार को एक ही दिन में 29 डेंगू पॉजीटिव मरीज आ चुके हैं।
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गंदगी व खाली प्लॉट सबसे बड़ी समस्या
शहर में मच्छर जनित बीमारियों ( Mosquito borne diseases ) का फैलने का सबसे बड़ा कारण शहर की सफाई व्यवस्था चौपट होना और खाली प्लॉटों में भरा पानी बना है। निगम के अधिकारी दशहरे मेले में व्यस्त होने के कारण सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जबकि चिह्नित खाली प्लॉटों में भी यूआईटी की ओर से प्लॉट मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


स्क्रब टायफस
पहाड़ों पर होने वाली यह बीमारी अब मैदानी इलाकों में होने लगी है। ( scrub typhus ) इसके कीट मैदानी इलाकों में पहुंच चुके हैं। जिले में स्क्रब टायफस भी शतक पार कर चुका है। इस सीजन में 100 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं।

एसडीपी की संख्या बढ़ी
ब्लड में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाना डेंगू का सबसे बड़ा लक्षण है, मगर यह स्थिति दूसरी बीमारियों में भी हो सकती है। एक्सपट्र्स के मुताबिक, डेंगू संक्रमण में सबसे पहले प्लेटलेट्स को नुकसान पहुंचता है, लेकिन गंभीर वायरल बुखार, कैंसर या एक्सिडेंट आदि की वजह से ज्यादा ब्लीडिंग भी इसकी वजह हो सकती है। इन दिनों डेंगू के डंक ने कोटा को परेशान कर रखा है। इसके चलते प्लेटलेट्स की मांग भी आम दिनों की तुलना में ज्यादा हो गई है। जानकारी के मुताबिक कोटा में 8 ब्लड बैंक संचालित होते हंै। इनमें 6 ब्लड बैंक में एसडीपी चढ़ाने की सुविधा है। इस सीजन में 6 ब्लड बैंकों में अब तक 350 से अधिक एसडीपी मरीजों को चढ़ाई जा चुकी है।
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क्या है एसडीपी
इस तकनीक से प्लेटलेट चढ़ाने के लिए डोनर को भी पेशंट के साथ लिटाते हैं और साथ में प्लेटलेट सेपरेशन मशीन भी लगाते हैं। डोनर के शरीर से ब्लड निकालकर मशीन में ले जाया जाता है, वहां से प्लेटलेट अलग होकर मरीज के शरीर तक पहुंचता है और बाकी ब्लड दोबारा डोनर के शरीर में पहुंचाया जाता है। इसमें डोनर और पेशंट का ब्लड गु्रप समान होना चाहिए। इसमें डोनर का टीन ब्लड टेस्ट, हीमोग्लोबिन, एचआईवी, एचसीवी, मलेरिया, हेपटाइटिस जैसे सारे टेस्ट किए जाते हैं। डोनर का वजन और उसकी फि टनेस भी देखी जाती है। अगर उसका प्लेटलेट काउंट दो लाख से कम है तो उससे प्लेटलेट्स डोनेट नहीं कराया जाता है।
ये बरतें सावधानियां
कूलर व अन्य स्थानों पर पानी भरकर नहीं रखें।
खाली प्लॉटों में जला तेल डालें।
घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें।
बुखार आने पर चिकित्सक को दिखाएं।
झाडिय़ों से दूर रहें।

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