scriptकोटा में स्वाइन फ्लू और डेंगू कहर के बीच साइलेंट मोड पर मौत बांट रहा स्क्रब टायफस, कोचिंग नगरी में मचा हाहाकार | Dengue, Swine flu And Scrub Typhus outbreak in kota. Seasonal diseases | Patrika News

कोटा में स्वाइन फ्लू और डेंगू कहर के बीच साइलेंट मोड पर मौत बांट रहा स्क्रब टायफस, कोचिंग नगरी में मचा हाहाकार

locationकोटाPublished: Nov 26, 2019 01:43:10 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

Seasonal diseases, Dengue, Swine flu, Scrub Typhus: स्वाइन फ्लू व डेंगू के कहर के बीच साइलेंट मोड पर आए स्क्रब टायफस ने शहर में पैर पसार लिए हैं।

H1N1 virus is infecting two people every day

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रोजाना अस्पतालों में आ रहे मरीज
कोटा. स्वाइन फ्लू व डेंगू के कहर के बीच साइलेंट मोड पर आए स्क्रब टायफस ने शहर में पैर पसार लिए हैं। ( dengue , swine flu , scrub typhus ) इस बीमारी के प्रति चिकित्सा विभाग भी ज्यादा सतर्क नहीं है। पहाड़ी इलाकों में होने वाली यह बीमारी अब मैदानी इलाकों में कहर बरपाने लगी है। ( Seasonal diseases ) हालात ये हैं कि रोजाना बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। पिछले पांच साल के आंकड़े देखें तो इस बीमारी के बीस गुना मरीज बढ़ गए हैं।

दो साल में मरीज बढ़े
पिछले पांच साल से इस बीमारी के मरीज आने लगे हैं। 2015 से लेकर 2017 तक 46 मरीज सामने आए थे, लेकिन साल 2018 व 2019 में 342 मरीज सामने आ चुके हैं। 2018 में 172 व 2019 में अब तक 170 मरीज सामने आ चुके हैं।
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शहर के हर कोने से मरीज
इस साल शहर के हर कोन से स्क्रब टायफस मरीज सामने आए हैं। सबसे अधिक भीमगंजमंडी क्षेत्र में मरीज अधिक मिले हैं। इस बार कोचिंग एरिया में भी पैर पसारे हैं। इनमें तलवंडी, महावीर नगर, केशवपुरा, रंगबाड़ी, विज्ञाननगर, कुन्हाड़ी क्षेत्र से स्क्रब टायफस के मरीज मिले हैं।


गांव से ज्यादा शहर में
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोटा जिले के छह ब्लॉकों पर नजर डालें तो कोटा शहर में सबसे अधिक 59 मरीज, इटावा 33, सांगोद 26, चेचट 19, सुल्तानपुर 16 व कैथून से 11 मरीज मिल चुके हैं।
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ऐसे होती है बीमारी
यह बीमारी पिस्सू नाम के कीड़े से होती है। यह लाल रंग का होता है। यह जानवरों का खून चूसता है। जैसे ही पिस्सू काटता है, उसकी लार में मौजूद खतरनाक जीवाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। पिस्सू के काटने से कुछ दिनों बाद बुखार आता, सिर व हाथ-पैर में दर्द होता है।

ऐसे करें बचाव
घास व झाडिय़ों में नंगे पैर नहीं जाएं।
घर के आसपास झाडिय़ों को कटवाएं।
घर से निकलते समय जूते व मौजे पहनें।

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इस कारण फैली बीमारी
शहर में पशु ज्यादा होने से यह बीमारी फैली है। शहर की सड़कों पर आवारा पशु हैं तो बीच कॉलोनियों में बड़े-बड़े बाड़े बने हैं। पशुओं के इर्द-गिर्द पिस्सू होने से इंसानों में यह बीमारी फैली है।

इस साल बारिश ज्यादा होने से पिस्सू की संख्या बढ़ी है। इस कारण स्क्रब टायफस के मरीज बढ़े हंै। पशु चिकित्सा विभाग को साथ लेकर हमने समय-समय पर पिस्सू को खत्म करने के लिए एक्टीविटी की है। इस बीमारी में इलाज संभव है, लेकिन समय पर इलाज होने से ही बचा जा सकता है।
डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ
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