इसलिए पड़ी जरूरत
एसडीओ अग्रवाल का कहना है कि पिछले साल नरवर के नजदीक व अमरावद बनखेड़ी के बीच खेतों में एक-एक तेंदुआ की करंट से मौत हो गई थी। बाड़ी के समीप सिंघौरी अभ्यारण्य में भी दो काले हिरणों समेत दो जंगली सुआरों का शिकार शिकारियों ने बिजली के करंट से करके चंपत हो गए थे। जिले में औबेदुल्लागंज के नजदीक रातापानी अभ्यारण क्षेत्र में बरखेड़ा के पास वन अमले को बिजली तार के अलावा खूंटियां गश्त के दौरान जंगलों में मिल चुकी हैं। जंगलों में जंगली जानवरों को बचाने के लिए वन विभाग ने यह निर्णय लिया है।
ऐसे होगी जांच पड़ताल
संबंधित रेंजर अपने-अपने क्षेत्र के संवदेनशील वन क्षेत्रों और उनकी समीपवर्ती सीमा का चिन्हित करेंगे। इसकी जानकारी बिजली के अधिकारियों को भी देगे। जिन गांवों से एलटी और 11 केव्ही लाइन गुजरती हैं, उनके नक्शे बनाकर बीट प्रभारियों व परिक्षेत्र सहायकों को भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
वन विभाग और बिजली कंपनी की संयुक्त टीम बनाकर जंगलों में भेजा जाएगा। इससे बिजली चोरी करने और वन्य प्राणियों की जान जोखिम में डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
– राजेश खरे, डीएफओ रायसेन।