किसी ने औद्योगिक नगरी नगरी के उद्योगों को उकेरा, किसी ने अपनी कला में ऊंचे भवन, पर्यटक स्थल व लंबी सड़के, दौड़ते वाहनों को आकार दिया। हर कोई अपनी कल्पनाओं से आकृतियां उकेर रहा था। इधर दूसरी ओर रंगोली प्रतियोगिता में महिलाओं ने प्राकृतिक रंगों से प्रकृति के खूबसूरत रंग भरे।
कई प्रतिभागी तो खुद रंग तैयार करके लाए। किसी ने गणपति, किसी ने नदी पहाड़ तो किसी ने अन्य आकृतियों को धरा पर साकार किया। महिलाएं व बच्चे पूरी तल्लीनता के साथ अपनी कलाकारी दिखाने में जुटे हुए थे।
आयोजनों के तहत मेहंदी प्रतियोगिता में हालांकि प्रतिभागियों को अपने हिसाब से क्रिएटिव मेहंदी रचाने को कहा था, इसमें महिलाओं ने खबसूरती से अपने हाथों को रचाया। किसी ने फूल, कलियां बनाकर तो किसी ने मेहंदी में हुनर दिखाया। दोपहर अन्य प्रतियोगिताएं हुई।
इन प्रतियोगिताओं की कमान कीर्ति गुप्ता, शालू अग्रवाल व शिल्पी गुप्ता ने संभाली। अग्रवाल के अनुसार मेहंदी रचाओ प्रतियोगिता में करीब 35, चित्रकला में 30 व रंगोली में भी विभिन्न आयु वर्ग के करीब 25 प्रतिभागी शामिल हुए। सोमवार को शतरंज केरम प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दोनों की प्रतियोगिताओं में 11 से 18 व 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग ले सकेंगे।
अग्रवाल समाज सेवा संस्था के सुरेश अग्रवाल ने बताया कि 20 सितम्बर को वाहन रैली व 21 को जयंती मनाई जाएगी। इससे पहले रविवार को प्रतियोगिताआें में भाग लेने के लिए प्रतिभागी पूरी तैयारी के साथ आए। समाज के गणमान्यों ने उनका उत्साहवद्र्धन किया।