सुबह से शाम तक दानपुण्य मकर संक्रांति पर सुबह से शाम तक दानपुण्य किए जा सकेंगे। ज्योतिषाचार्य शिव प्रकाश दाधीच के अनुसार शुक्रवार को दोपहर 2.28 बजे सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जब मकर संक्रांति सूर्यास्त से पूर्व लगे तो पहले के 8 घंटे पुण्यकाल माना जाता है। इस आधार पर सूर्योदय के बाद 7.24 बजे से ही पुण्य काल प्रारंभ हो जाएगा, जो शाम को 5.50 बजे सूर्यास्त तक रहेगा।
इस बार भी भंडारे नहीं शहर में मकर संक्रांति पर विभिन्न संस्था व संगठनों की ओर से जगह जगह भंडारों के आयोजन किए जाते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं को भंडारों में प्रसादी प्राप्त करने का अवसर नहीं मिलेगा। कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए लोगों ने भंडारों के आयोजनों को टाल दिया है।
जगह जगह सजी दुकानें नए पुराने कोटा क्षेत्र में बाजारों में जगह जगह पतंगों की दुकानें सजी। चांद सितारा, झालर, सतरंगी, चौरंगी, समेत विभिन्न डिजाइनों की पतंगों की भरमार है। मांझे की भी विभिन्न वैरायटी मिल रही है। दुकानों पर जमकर भीड़ रही। बच्चे, युवा पतंगें खरीदने पहुंचे। उन्होंने अपनी पसंद के अनुसार पतंगें खरीदी। दुकानदारों के मुताबिक, कोरोना के कारण पहले जैसी बात नहीं है। पहले तो दिसम्बर के अंतिम सप्ताह से खरीदारी शुरू हो जाती थी। संक्रांति पर तो फुर्सत नहीं मिलती थी।
गुड़ व तिल के व्यंजनों से मिठास मकर संक्रांति पर गुड़ व तिल के व्यंजनों से मिठास घुलेगी। कहीं सेहतमंद गुड़ व तिल के लड्डू, कहीं पापड़ और कहीं तिल पट्टी का भगवान को भोग लगाया जाएगा। गुरुवार को बाजारों में तिल के लड्डू, गुड़ तिल की दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। लोगों ने लड्डू, रेवड़ी, तिलपट्टी, गजक, मावा बाटी इत्यादि खरीदी।