सीएमएचओ डॉ. भुपेन्द्र सिंह तंवर उनके अधीनस्थ जिला लेखा प्रबंधक महेन्द्र कुमार मालीवाल से बात करवाकर पैसों का लेनदेन करते थे। उन्होंने दिसम्बर 2020 व जनवरी से फरवरी 2021 के गाडिय़ों के बिलों का भुगतान रोक रखा था। महेन्द्र कुमार मालीवाल से मिलने पर उसने 1 लाख 30 हजार रुपए देने पर बिल पास होने की बात कही। पेमेंट मिलने के बाद पैसे देने की बात पर मालीवाल ने बिल पास करवा दिए। जिसके बाद से सीएमएचओ डॉॅ. भूपेन्द्र सिंह तंवर व महेन्द्र कुमार मालीवाल द्वारा लगातार दबाव बनाने के बाद मजबूरीवश दो बार में महेन्द्र मालीवाल को 80 हजार रुपए दे दिए। शेष राशि 50 हजार बकाया चल रही थी। दोनों आरोपी परिवादी से 1 लाख के बिल पर 7 प्रतिशत के हिसाब से कमीशन की मांग का दबाव बना रहे थे।
एसीबी ने ट्रेप की कार्रवाई करते हुए आरोपी महेन्द्र कुमार मालीवाल 50 हजार रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों डिटेन किया। आरोपी मालीवाल ने पूछताछ में यह राशि सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया। एसीबी ने 1 मई को मालीवाल को एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया। एसीबी ने मामले में सीएमएचओ के खिलाफ जांच संदिग्ध मानते हुए पेंडिंग रखी है। मालीवाल ने न्यायालय में जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जहां सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत खारिज कर दी।