कलक्टर ने कहा, शोभायात्रा मार्ग की सड़कों को दुरुस्त करें, बिजली के तारों को ठीक किया जाए। पुलिस अधीक्षक शहर दीपक भार्गव, ग्रामीण डॉ. राजीव पचार, नगर निगम आयुक्त जुगलकिशोर मीणा, अतिरिक्त कलक्टर वासुदेव मालावत, नगर विकास न्यास के सचिव आनन्दीलाल वैष्णव सहित कई अधिकारियों ने सुझाव दिए।
धड़ल्ले से बन रही हैं पीओपी की मूर्तियां
अनंत चतुर्दशी के आयोजन की बैठक के बाद ‘राजस्थान पत्रिकाÓ ने छावनी क्षेत्र में बंगाली बस्ती में जाकर देखा तो वहीं मिट्टी की गिनी-चुनी ही मूर्तियां थी, ज्यादातर मूर्तियां पीओपी बनी हुई थी। दुकानदार ने कहा, मिट्टी की मूर्ति महंगी पड़ती हैं, इसलिए पीओपी की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। पीओपी की मूर्ति डेढ़ सौ रुपए से लेकर 10 हजार तक की कीमत में बेची जा रही हैं। इससे महंगी मूर्ति बड़े आकार की हैं, जो केवल ऑर्डर पर ही बनाई जा रही हैं। कुछ दुकानदार मिट्टी से सुंदर मूर्तियां बना रहे हैं, जो आकर्षित कर रही हैं।
प्रतिमा की ऊंचाई 12 फिट से अधिक नहीं हो बैठक में कलक्टा ने कहा, प्रतिमा स्थापना के समय यह भी सुनिश्चित किया जावे कि उसकी उंचाई 12 फ ीट से अधिक नहीं हो जिससे रास्तों से गुजरते समय व्यवधान नहीं आए।उन्होंने कहा कि शोभायात्रा के दौरान साफ सफ ाई के विषेश इन्तजाम किए ाकर चल कचरा संग्रहण रखे जावें। जिससे निरन्तर सफ ाई बनी रहे। शोभायात्रा मार्ग एवं प्रतिमा स्थापना के स्थानों पर निरन्तर सफ ाई के लिए कार्मिक तैनात किए जाएं।
लाइसेंस की जांच करें
जिला कलक्टर ने शहर के विभिन्न स्थानों से आने वाली शोभायात्रा में शमिल होने वाले अखाड़ों के अनुज्ञापत्रों की जांच की जाकर उन्हें प्राथमिक उपचार की किट उपलब्ध कराएं। शोभायात्रा के दौरान शहर के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों को खुला रखा जाए।
सस्ती बनने के कारण पीओपी से मूर्तियां बनाकर बेची जा रही हैं, ये पर्यावरण के लिए प्रतिकूल हैं। शहर के सभी वर्गों का प्रयास रहे कि पीओपी की मूर्तियों को विसर्जन नहीं हो। नगर निगम भी पीओपी की मूर्तियां बनाने पर कार्रवाई करेगा।
गौरव गोयल, जिला कलक्टर