अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सोमवार को एक दिन के लिए प्रदेश के सभी 10 हजार से अधिक सेवारत चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर रहे।
प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशकर सैनी ने बताया कि सामूहिक अवकाश से पहले राज्य सरकार को ज्ञापन व मांग पत्र सौंपकर मरीजों व आमजन को होने वाली परेशानी से अवगत कराया गया था। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के हठधर्मिता पूर्ण रवैये के कारण सेवारत चिकित्सको को सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय करना पड़ा।
प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशकर सैनी ने बताया कि सामूहिक अवकाश से पहले राज्य सरकार को ज्ञापन व मांग पत्र सौंपकर मरीजों व आमजन को होने वाली परेशानी से अवगत कराया गया था। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के हठधर्मिता पूर्ण रवैये के कारण सेवारत चिकित्सको को सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय करना पड़ा।
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फैशन के नन्हे सितारे… सेवारत चिकित्सकों की ओर से अगस्त क्रांति आंदोलन का आगाज पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से किया जा रहा है। मरीजों की पीड़ा को देखते हुए ही चिकित्सक अपनी मांगों के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलनरत थे। इसके बाद भी सरकार के ठोस प्रयास नहीं करने पर अब हक की लड़ाई के लिए सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय किया था। यह भी पढ़ें
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ये हैं मुख्य मांगे डीएसीपी विसंगतिया सभी चिकित्सको को 6 वर्ष की अवधि पर लाभ मिले जो देय तिथि से हो, एक पारी चिकित्सालय संचालन, पंचायती राज से मुक्ति, प्रथक केडर की स्थापना, ग्रामीण भत्ता, सभी को प्री पी जी में 10, 20, 30 का लाभ मिले, राज्य के सभी चिकित्सको को 10 हजार ग्रेड पे का लाभ मिले, तृतीय डी ए सी पी में ग्रेड पे 8700 का लाभ सभी चिकित्सको को मिले, सुरक्षा, आवास मिले।
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यदि सरकार द्वारा किसी भी चिकित्सक पर दमनात्मक कार्यवाही की गई तो मजबूर होकर हम अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर भी जा सकते है। सेवारत चिकित्सक मंगलवार को सुबह 8 बजे तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
यदि सरकार सांकेतिक सामूहिक अवकाश उपरांत भी चिकित्सक मांगो पर कोई सकरात्मक कार्यवाही नही करती है तो चिकित्सा महाबंद का आयोजन किया जाएगा एवम सभी सेवारत चिजितसको को अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश का निर्णय लेना पड़ सकता है।