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रामपुरा कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार देर रात सेवारत चिकित्सक संघ के तीन पदाधिकारियों के घरों दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबकि अन्य पदाधिकारियों के घरों व संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस ने संघ के महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी, डॉ. कुलदीप राणा और डॉ. मनीष अरोरा के घर दबिश देकर राणा और बोहरा को गिरफ्तार कर लिया। महासचिव सैनी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 24 घंटे के अंदर सरकार वार्ता के लिए तैयार नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में एक साथ आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा
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गौरतलब है कि इससे पूर्व भी सेवारत चिकित्सक प्रदेशभर में हड़ताल कर चुके हैं। उस समय प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई थी। अस्पतालों में लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा था। मजबूरी में उन्हें निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर इलाज करवाना पड़ा। सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए सख्ती अपनाते हुए प्रदेशभर में रेस्मा (राजस्थान आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम) लागू कर चिकित्सकों की धरपकड़ की गई थी। Mysterious Deaths: कोटा के सीने में दफन हैं वो 58 मौतों का रहस्य, पर्दा उठा तो हिल जाएगी राजस्थान सरकार…जानिए क्या है वो रहस्य
भूमिगत हो गए थे डॉक्टर्स
पुलिस की छापेमारी शुरू होने के बाद गिरफ्तारी के डर से डॉक्टर्स भूमिगत हो गए थे। उनके संभावित ठिकाने, होटल, ऑफिस व रिश्तेदारों के घरों पर भी पुलिस ने दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया था।
बेनतीजा रही थी वार्ता
चिकित्सक संघ द्वारा पूर्व में की गई हड़ताल के दौरान डॉक्र्स और सरकार के बीच वार्ता की सहमति बनने पर हड़ताल खत्म की गई थी। लेकिन, चिकित्सकों की वार्ता विफल होने के बाद से ही वे अपनी मांगों को लेकर आंदेालनरत है। कोटा संभाग में हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार को चेताया था। समाधान न होता देख संघ ने १८ दिसम्बर से हड़ताल की जाने की घोषणा की। इसके बाद सरकार ने सख्ती अपनाते हुए चिकित्सकों के खिलाफ यह कार्रवाई की।