राजस्थान के जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी पर कार्यरत 10 हजार चिकित्सक 33 मांगों को लेकर चार दिन से हड़ताल पर हैं। राजस्थान सरकार ने हड़ताल तुड़वाने के लिए हड़ताली चिकित्सकों के साथ कई दौर की वार्ता की, लेकिन वार्ता बेनतीजा रहने के बाद आखिरकार रेस्मा (राजस्थान आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम) लागू कर दिया। जिसके बाद पुलिस हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में जुट गई है।
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कोटा पुलिस ने दी दबिश सेवारत चिकित्सको की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी रही। सरकार और चिकित्सक संगठनों के बीच वार्ता बेनतीजा रहने के बाद सरकार अब हड़ताल तोड़ने के लिए चिकित्सकों खिलाफ सख्ती से कदम उठा रही है। कोटा पुलिस ने अल सुबह 3 बजे पांच चिकित्सको डॉ राजेश सामर, डॉ अभिमन्यु, डॉ चंदन शर्मा, डॉ रहीश खान और डॉ प्रभाकर को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पर दबिश दी, लेकिन एक भी डॉक्टर घर पर मौजूद नहीं मिला।
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भूमिगत हुए चिकित्सक पुलिस की छापेमारी शुरू होने के बाद गिरफ्तारी के डर से डॉक्टर्स भूमिगत हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में घरों के साथ-साथ अस्पतालों और होटलों में भी दबिश दे रही है। कोटा पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि अभी तक किसी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जो चिकित्सक हड़ताल पर हैं सभी के घर दबिश दी जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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झालावाड़ में दो डॉक्टर्स गिरफ्तार झालावाड़ जिले में हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भवानीमंडी से सेवारत चिकित्सक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. नरेश अग्रवाल और डॉ. हेमन्त शर्मा को रेस्मा एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है। झालावाड़ पुलिस ने दोनों चिकित्सकों के घर आधी रात को छापा मार कर उन्हें धर दबोचा। डॉक्टरों के खिलाफ भवानीमंडी तहसीलदार मनमोहन गुप्ता ने कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट दी थी।
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कलक्टर ने संभाला मोर्चा सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते मरीजों की परेशानी का जायजा लेने के लिए कोटा जिला कलक्टर रोहित गुप्ता सुबह से ही हॉस्पिटल के दौरे पर हैं। हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी ना हो इसके लिए उन्होंने एमबीएस हॉस्पिटल के अधीक्षक को निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर एमबीएस चिकित्सालय में रेजीडेंट के हड़ताल पर जाने से जहां एक और ऑपरेशन की लिस्ट छोटी हो गई वहीं दूसरी ओर ओपीडी में केवल एक ही कमरे में मरीजों को देखा जा रहा है। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण कई मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट हो गए हैं। हड़ताल का असर वार्ड में भर्ती मरीजों पर भी देखा जा रहा है। जहां कई मरीजों की छुट्टी कर दी है वही बहुत ही कम संख्या में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं हालात यह है कि कई बेड खाली पड़े हैं। एमबीएस, जेके लॉन और मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स कल रात से ही नहीं आए जिस कारण मरीजों को भी परेशानी हो रही है।