कोटा

इन गांवों में पीने के पानी तक को तरसे लोग, टैंकर आने से पहले ही पड़ते हैं टूट

रावतभाटा शहर के 22 वार्डों व उपखंड के 84 गांवों में लोग पीने के पानी तक को तरस गए हैं। बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

कोटाMay 07, 2019 / 12:51 am

Dhitendra Kumar

इन गांवों में पीने के पानी तक को तरसे लोग, टैंकर आने से पहले ही पड़ते हैं टूट

कोटा/रावतभाटा.
भीषण गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। चित्तौडगढ़़ जिले के रावतभाटा शहर के 22 वार्डों व उपखंड के 84 गांवों में लोग पीने के पानी तक को तरस गए हैं। बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हालांकि जलदाय विभाग अंतरिम राहत के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में आबादी के अनुसार रोज पानी से भरे 106 टैंकर पहुंचा रहा है। इससे पहले 16 अप्रेल से 30 अप्रेल तक शहर में 11 और ग्रामीण क्षेत्र में 37 टैंकरों से आपूर्ति की गई। मांग बढऩे पर एक मई से संख्या बढ़ाई गई। टैंकरों पर जीपीएस के माध्यम से चित्तौडगढ़़ स्थित विभाग के कार्यालय से निगाह रखी जा रही है। जनता के दस्तखत के बाद पौने चार सौ रुपए प्रति टैंकर की दर से पानी का भुगतान किया जाएगा।
पहुंचते ही जमा हो जाती है भीड़
वार्डों में जैसे ही पानी से भरे टैंकर पहुंचते हैं, मौके पर भीड़ जमा हो जाती है। कई लोगों के पात्र तो पहले से ही टैंकर पहुंचने वाले स्थानों पर रखे रहते हैं।
शहर में पहुंच रहे 22 टैंकर
रावतभाटा शहर में जलसंकट से प्रभावित वार्ड दो, पांच, नौ, ग्यारह, बारह, चौदह, उन्नीस, तैबीस, पच्चीस के अलावा अन्य क्षेत्रों में जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। इनमें से वार्ड 2, 5 व पच्चीस में चार-चार टैंकर, वार्ड 19 में 3 टैंकर, वार्ड 14 व 23 में दो-दो टैंकर व अन्य क्षेत्रों में एक-एक टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है।
गांवों में 84 टैंकरों से जलापूर्ति
उपखंड क्षेत्र के प्रभावित 84 गांवों में प्रतिदिन एक-एक टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। तम्बोलिया, बोराव, गोपालपुरा, धांगडमऊकलां, श्रीपुरा, भैंसरोडगढ़, झालरबावड़ी, मंडेसरा, सहित अन्य गांवों में विभाग द्वारा पानी से भरे टैंकर भेजे जा रहे हैं।
फिलहाल 15 जून तक व्यवस्था
मामले में सहायक अभियंता जलदाय विभाग महावीर प्रसाद मीणा का कहना है कि
शहर के प्रभावित क्षेत्रों व गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। मांग के अनुरूप पानी की व्यवस्था की जा रही है। ज्यादा मांग आने पर टैंकरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। फिलहाल 15 जून तक आपूर्ति का लक्ष्य का है। मानसून पहले आने पर टैंकर बंद कर दिए जाएंगे। मानसून में विलम्ब होने पर अवधि बढ़ाई जा सकती है।
ऐसे होगा भुगतान
शहरी वार्ड: संबंधित क्षेत्र के पार्षद के अलावा नगरपालिका कर्मी, वार्ड के तीन व्यक्ति को कूपन पर हस्ताक्षर करने होंगे।
ग्रामीण क्षेत्र: सचिव, पटवारी, शिक्षक, तीन ग्रामीण ( जिनमें महिलाएं भी जरुरी) के कूपन पर हस्ताक्षर होंगे।
राशि: दस्तखत के बाद विभाग प्रति टैंकर 375 रुपए के हिसाब से ठेकेदार को भुगतान करेगा।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.