scriptडब्ल्यूटीओ ने दिया सुपर पावर फूड का दर्जा,कुपोषण से लड़ेगी और तंदुरुस्त भी करेगी ‘सहजन ‘ | Drumstick tree will fight malnutrition in the country | Patrika News

डब्ल्यूटीओ ने दिया सुपर पावर फूड का दर्जा,कुपोषण से लड़ेगी और तंदुरुस्त भी करेगी ‘सहजन ‘

locationकोटाPublished: Dec 13, 2019 06:39:14 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

देश में कुपोषण से लड़ेगा सहजन का पेड़

डब्ल्यूटीओ ने दिया सुपर पावर फूड का दर्जा,कुपोषण से लड़ेगी और तंदुरुस्त भी करेगी 'सहजन '

डब्ल्यूटीओ ने दिया सुपर पावर फूड का दर्जा,कुपोषण से लड़ेगी और तंदुरुस्त भी करेगी ‘सहजन ‘

कोटा. बंजर भूमि व कहीं भी उगने वाली सहजन की फली सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इसके उत्पाद पौष्टिकता बढ़ाने का काम करेंगे। इसकी फली से तैयार किए जाने वाले उत्पाद रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाएंगे और बीमारियां दूर करेंगे। सहजन की पत्तियों के केक, बिस्किट जैसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे, ताकि लोग रुचि से खा सकें। अभी तक सहजन के पेड़ को अनुपयोगी माना जाता था।
कभी कभार सजहन की फली की सब्जी जरूर बनाई जाती है, बाकि अनुपयोगी पेड़ अनावश्यक मानकर काट दिया जाता है, लेकिन अब यह सहजन का पेड़ देश में कुपोषण से लड़ेगा और कुपोषण मुक्त भारत बनाने की अहम कड़ी साबित होगा।

कृषि विश्वविद्यालय कोटा के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र ने सहजन के उत्पादों की सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियर भोपाल से जांच करवाई। इसमें इसके उत्पादों को कुपोषण को खत्म के लिए कारगर माना है।
हाल ही कोटा प्रवास पर आए कृषि मंत्री ने इसके उत्पाद देखे तो वो भी आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने सुझाव दिया कि इसके उत्पादों की जयपुर में निजी स्तर पर संचालित प्रयोगशाला से भी परीक्षण करवा लें, ताकि किसी तरह की कोई आशंका नहीं रहे। जयपुर की प्रयोगशाला ने भी सहजन के उत्पादों को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना है।
चाव से खाएंगे
कृषि विज्ञान केन्द्र में डॉ. तिवारी के निर्देशन में सहजन से कई तरह के उत्पाद तैयार किए हैं, जिसे लोग आसानी से खा सकेंगे। सहजन का केक, बिस्किट, नमकीन, मठरी, रायता, सब्जी, भुजिया, लड्डू, पाउडर, कैप्सूल, सूप आदि तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत अभियान में सहयोग करने के उद्देश्य से इसके उत्पाद बनाए गए हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र में तैयार होंगे सहजन की फली के उत्पाद
कई अनुसंधानों में सहजन को सेहत के लिए माना लाभप्रद्रोटीन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा कृषि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. ममता तिवारी ने बताया कि सहजन में दही से 9 गुना अधिक प्रोटीन, संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन, गाजर से 4 गुना अधिक विटामिन, केले से 15 गुना ज्यादा पोटेशियम, पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन तथा दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।
सहजन की पत्तियों में 42 प्रतिशत प्रोटीन, 125 प्रतिशत कैल्शियम, 6 प्रतिशत मैग्निशियम, 74 प्रतिशत आयरन, 41 प्रतिशत पोटेशियम, 272 प्रतिशत विटामिन तथा 22 प्रतिशत विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूडीओ) ने सहजन के उत्पादों को सुपर पावर फूड का दर्जा दिया है। हरियाणा के कृषि विश्वविद्यालय ने कनाडा सरकार के साथ सहजन और गोखरू के उत्पाद तैयार करने का अनुबंध किया है।

कई बीमारियां दूर करने में है सहायक
डॉ. तिवारी ने बताया कि अनुसंधानों में सामने आया है कि सहजन से बने उत्पादों के सेवन से शारीरिक दुर्बलता, शरीर में रक्त की कमी, मधुमेह तथा सांस की तकलीफ दूर होती है। साथ ही रक्त शुद्ध होता है। सहजन के पत्तों को पीस कर पाउडर तैयार किया जा सकता है, जिसे किसी भी रूप से सेवन किया जा सकता है।
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