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Big News: बहुत आसान है बनाना फिर भी नहीं बनाया ! जानिए ऐसा क्या बनने वाला था राजस्थान के इस शहर में

locationकोटाPublished: Mar 23, 2019 10:07:30 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

जानिए क्या कहते विशेषज्ञ…

Easy get permission for organ retrieval angadaan vishal brain-dead

Big News: बहुत आसान है बनाना फिर भी नहीं बनाया ! जानिए ऐसा क्या बनने वाला था राजस्थान के इस शहर में

कोटा. किसी भी व्यक्ति के अंगदान को लेकर राज्य में ऑर्गन रिट्राइवल की परमिशन मिलना बहुत आसान है। इसके लिए एप्रोपिएट ऑथोरोटी परमिशन दे सकती है। यदि एनटीओआरसी से यदि कोई अस्पताल पंजीयन नहीं है तो ऑथोरोटी से एक दिन की परमिशन लेकर अंगदान का काम किया जा सकता है। यह कहना है कि अंगदान से जुड़े विषय विशेषज्ञों का।
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कोटा में विशाल कपूर के अंगदान जैसा महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो सका। राजस्थान पत्रिका ने इसके मामले की पूरी जानकारी जुटाने की कोशिश की गई। आखिर किन परिस्थितियों में एप्रोपिएट ऑथोरोटी से परमिशन नहीं मिल सकी।

-ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर की परमिशन मिलना आसान

नोटा के पूर्व निदेशक डॉ. विमल भण्डारी ने कहा कि अंगदान को लेकर विशेष परिस्थिति में राज्य की एप्रोपिएट ऑथोरोटी एक दिन की परमिशन देने के लिए अधिग्रहित रहती है। ऑथोरोटी में राज्य के चिकित्सा मंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव होते है। वह एक दिन की ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर की परमिशन दे सकते है। यह परमिशन मिलना आसान है। नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर (एनटीओआरसी) के लिए किसी भी तरह के विशेष चिकित्सकों का उस अस्पताल में होना जरूरी नहीं है। क्योंकि अंगों को निकालने के लिए चिकित्सक की जो टीम आती है। वह स्वयं अंग निकालने में विशेष दक्षता प्राप्त होती है।
– पेपर वर्क पूरा होना जरूरी

जयपुर में अंगदान के क्षेत्र में कार्य कर रही मोहन फाउण्डेशन की राज्य स्तरीय हैड भावना जगवानी ने बताया कि अंगदान को लेकर प्रधानमंत्री, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री व राज्य का स्वास्थ्य विभाग समेत सभी को मिलकर काम करना होगा। इसके लिए पेपर वर्क स्ट्रॉंग व सिस्टम सही होना जरूरी है। जब तक पेपर व सिस्टम सही नहीं होगा, तब तक अंगदान जैसे अभियानों को सफल नहीं बना सकते है। कोटा में कोई भी अस्पताल एनटीओआरसी से रजिस्टर्ड नहीं है। इस कारण ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर की परमिशन नहीं मिल सकी है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में एक दिन की एप्रोपिएट ऑथोरोटी परमिशन दे सकती है। हमने इसके लिए काफी प्रयास किए, लेकिन अनुमति नहीं दी गई।
– सर्जन की जरूरत नहीं

रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन संजय दीक्षित ने कहा कि किसी भी राज्य में विशेष परिस्थिति में एप्रोपिएट ऑथोरोटी से एक दिन के लिए रिट्राइवल सेंटर की परमिशन मिल सकती है। इसमें किसी सर्जन की जरूरत नहीं होती है। ट्रांसप्लांट में जरूर सर्जन की जरूरत होती है। लीवर व हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए वे खुद परमिशन लेकर आ सकती है। उन्होंने बताया कि किसी निजी अस्पताल में अंगदान को लेकर ब्रेन डेड कमेटी की परमिशन लेना जरूरी है।
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