कोटाPublished: Nov 08, 2023 08:24:00 pm
Deepak Sharma
चुनाव सामने हैं और जनता के सामने भी प्रश्न खड़े हैं मुंह बाए। लोकतंत्र की यही खूबी है कि पांच साल भी जनता प्रश्नों के घेरे के ही उलझी रहती है। यह प्रश्न नहीं चक्रव्यूह के घेरे जैसे हैं और पब्लिक मानो अभिमन्यु है। सब तरफ़ बंधु बांधव और चाचा, ताऊ। सबकी नज़र कि मैं वोट खाऊं। कोई जाति का है तो कोई धर्म की बघार से मस्त हो रहा है। प्रश्न हैं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे।
डॉ. अतुल चतुर्वेदी
चुनाव सामने हैं और जनता के सामने भी प्रश्न खड़े हैं मुंह बाए। लोकतंत्र की यही खूबी है कि पांच साल भी जनता प्रश्नों के घेरे के ही उलझी रहती है। यह प्रश्न नहीं चक्रव्यूह के घेरे जैसे हैं और पब्लिक मानो अभिमन्यु है। सब तरफ़ बंधु बांधव और चाचा, ताऊ। सबकी नज़र कि मैं वोट खाऊं। कोई जाति का है तो कोई धर्म की बघार से मस्त हो रहा है। प्रश्न हैं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे। किस को टिकट मिलेगा? मेरे वाले को कि तेरे वाले को? राम को कि रहीम को। क़यास चल रहे हैं। कोशिशें की जा रही हैं।