चुनाव प्रभारी खटाणा ने कहा कि कार्यकर्ता दो साल से चुनाव का इंतजार कर रहा है। चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है। 2 दिसम्बर को नामांकन है। इन दो दिनों में ही सारी मशक्कत करनी है। चुनाव में ऐसे कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाएगा जो जिताऊ हो के साथ-साथ पार्टी के साथ खड़ा रहे। इस बार चुनाव में नया फैक्टर ये है कि सरपंचों के चुनाव पहले हो चुके। अब पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में जो सरपंच पार्टी की विचारधारा के हैं उनके साथ दूसरी पार्टी की विचारधारा के सरपंचों से भी संपर्क कर उनका भी सहयोग लें। अभी सरपंच खाली बैठे हैं। वे भी कोशिश करेंगे की राजनीति में उनका भी दखल रहे, क्योंकि उन्हें अब चुनाव तो लडऩा नहीं है। यह राजनीति है इसमें एक दूसरे का विरोध होता है, लेकिन टिकट मिलने तक ही विरोध करें। टिकट मिलने के बाद विरोध को छोड़कर मिलकर जिसे भी टिकट मिले उसे जिताना।