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क्षेत्र के अधिकांश खेतों में सरसों, गेहूं आदि की फसलें लहलहाने लगी हैं। इन दिनों फसलों में चल रही बढ़वार के चलते फसलों को सिंचाई की सख्त जरूरत है, जिसे थ्रीफेज बिजली से नलकूप व मोटर चलाकर ही पूरी की जा सकती है। सर्दी जोर पकडऩे लगी है तो रात का पारा दस डिग्री तक पहुंच गया है। इस दौरान जिन गांवों में रात में बिजली का ब्लॉक है वहां किसान पूरी रात खेतों में सिंचाई करने को मजबूर हैं। यह भी पढ़ें
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रातभर जद्दोजहद : पूरी रात किसान खेतों में पानी के बीच खड़े रहकर फसल में बूंद-बूंद पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। सर्दी से शरीर कंपकंपाने लगता है तो किसान अलाव जलाकर राहत का जतन करते हैं। बार-बार बिजली बंद होने से मोटर बंद होती है तो पूरी रात जागकर बिजली की निगरानी करनी पड़ती है। इसके लिए किसानों ने खेतों में ही टापरियां बना रखी है। सर्दी से किसान भले ही बीमार हो जाए, लेकिन निगम और सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। यह भी पढ़ें