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उद्योगों पर मेहरबानी, हमसे क्या परेशानी

locationकोटाPublished: Nov 30, 2017 06:57:47 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

खेतों में रातभर फसलों में पिलाई करने वाले किसानों के विरोध के बावजूद सरकार किसानों की समस्या को दूर करने में रूचि नहीं ले रही।

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सांगोद.

खेतों में रातभर फसलों में पिलाई करने वाले किसानों के विरोध के बावजूद विद्युत निगम के माथे जूं नहीं रेंग रही और न सरकार किसानों की समस्या को दूर करने में रूचि ले रही। किसान रातभर खेतों में पानी के बीच खड़े रहकर फसल में बूंद-बूंद पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। रात में जहरीले कीड़ों का डर तो सर्दी से बीमार होने की चिंता के बावजूद ये पिलाई के लिए मजबूर हैं। किसानों के हित की बात आती है तो सरकार चुप्पी साध लेती है। उद्योगों और व्यवसायियों को दिन में बिजली मिल सकती है तो किसानों को क्यों नहीं। यह किसानों की पीड़ा है।
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क्षेत्र के अधिकांश खेतों में सरसों, गेहूं आदि की फसलें लहलहाने लगी हैं। इन दिनों फसलों में चल रही बढ़वार के चलते फसलों को सिंचाई की सख्त जरूरत है, जिसे थ्रीफेज बिजली से नलकूप व मोटर चलाकर ही पूरी की जा सकती है। सर्दी जोर पकडऩे लगी है तो रात का पारा दस डिग्री तक पहुंच गया है। इस दौरान जिन गांवों में रात में बिजली का ब्लॉक है वहां किसान पूरी रात खेतों में सिंचाई करने को मजबूर हैं।
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रातभर जद्दोजहद : पूरी रात किसान खेतों में पानी के बीच खड़े रहकर फसल में बूंद-बूंद पहुंचाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। सर्दी से शरीर कंपकंपाने लगता है तो किसान अलाव जलाकर राहत का जतन करते हैं। बार-बार बिजली बंद होने से मोटर बंद होती है तो पूरी रात जागकर बिजली की निगरानी करनी पड़ती है। इसके लिए किसानों ने खेतों में ही टापरियां बना रखी है। सर्दी से किसान भले ही बीमार हो जाए, लेकिन निगम और सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है।
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सांसत में रहती है जान : मोईकलां . जैसे-जैसे खेतों में पानी पहुंच रहा है वैसे-वैसे हर रात ठंडी हो रही है। ठण्डी रातों में किसान खेत में पाणत करने का मजबूर हैं। क्षेत्र में स्थित हर 33 केवी जीएसएस से रात ११ से सुबह ६ बजे तक किसानों को थ्री फेज बिजली आपूर्ति की जा रही है। किसान संघ के रामेश्वर नागर, महेन्द्र यादव व माणकचन्द यादव ने बताया कि गीले में सारी रात खुले आसमान तले कैसे काटता है यह उसकी आत्मा जानती है। सरकार को चाहिए किसानों के लिए सिर्फ दिन में बिजली आपूर्ति की जाए। किसान नवल नागर, पुरुषोतम यादव, शिवराज व रमेश नागर का कहना है कि खेतों में जहरीले कीड़ों के काटने का अंदेशा बना रहता है। कमोलर निवासी किसान लालचन्द शर्मा व मुकेश सुमन ने कहा कि सरकार को किसानों पर रहम करना चाहिए और बिजली आपूर्ति दिन में करना चाहिए। सूमर सरपंच शिल्पी नन्दवाना ने भी बिजली दिन में देने की मांग की।
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