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विश्वविद्यालय कौशल प्रशिक्षण पर जोर दें: राज्यपाल

locationकोटाPublished: Oct 15, 2021 02:28:35 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

राज्यपाल ने तकनीकी और विज्ञान विषय के पाठ्यक्रमों को अंग्रेजी के साथ हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार किए जाने पर बल दिया। उन्होंने पाठ्यक्रमों को रोजगारोन्मुखी करने और व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत की सोच को भी व्यावहारिक रूप में क्रियान्वित किए जाने के निर्देश दिए।

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कोटा. राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति को ध्यान मे रखते हुए विद्यार्थियों के हित में समयानुरूप पाठ्यक्रम विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तकनीक पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने और मुक्त विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किए जाने का भी आह्ववान किया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लिए सभी विश्वविद्यालयों को निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए। राज्यपाल गुरुवार को कोटा विश्वविद्यालय के अतिथिगृह में आयोजित बैठक में कोटा के सभी विश्वविद्यालयों की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपस्थित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, कोटा विश्वविद्यालय और वद्र्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा की ओर से प्रस्तुत उनके पाठ्यक्रमों और शैक्षणिक गतिविधियों के सबंध में किए जा रहे नवाचारों का प्रस्तुतिकरण भी देखा। प्रस्तुतिकरण के दौरान कुलपतियों ने राज्यपाल को विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां की कार्यवाही करने और पदोन्नति के संबंध में भी समयबद्ध कार्यवाही करवाने की अनुमति और वित्तीय आवश्यकताओं के लिए आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि इस सबंध में समयबद्ध कार्यवाही करवाने का प्रयास किया जाएगा ताकि इसके अभाव में विश्वविद्यालय रैकिंग में नहीं पिछड़े। अभी राजस्थान के विश्वविद्यालयों की रैकिंग अच्छी नहीं है। इसमें तेजी से सुधार करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के प्रस्तुतिकरण को देखकर कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं और चुनौतियों को ध्यान मे रखते हुए विश्वविद्यालयों को ज्ञान के उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रयास करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों ने सामाजिक सरोकारों के तहत राजभवन की पहल पर प्रारंभ गांव गोद लेकर उनके विकास और पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य स्तरों पर सामाजिक सहभागिता के कार्यों की सराहना भी की। राज्यपाल ने तकनीकी और विज्ञान विषय के पाठ्यक्रमों को अंग्रेजी के साथ हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार किए जाने पर बल दिया। उन्होंने पाठ्यक्रमों को रोजगारोन्मुखी करने और व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत की सोच को भी व्यावहारिक रूप में क्रियान्वित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में निरंतर नवाचार अपनाते हुए कार्य किए जाएं, जिससे आने वाली पीढिय़ों को समय के अनुकूल शिक्षा प्राप्त करने का सपना साकार हो सके। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द जायसवाल, वद्र्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरएल गोदारा, कोटा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमासिंह, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी.सी. जोशी, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.ए. गुप्ता ने प्रेजेन्टेशन के द्वारा शैक्षणिक विकास, भविष्य की कार्य योजनाओं के बारे में बताया।
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