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BIG News: दंबगों से दबा वन विभाग, 38 हजार बीघा भूमि कर दी हवाले

locationकोटाPublished: Mar 18, 2019 12:48:57 am

Submitted by:

​Zuber Khan

बारां जिले में वन विभाग की 37847 बीघा वनभूमि पर दंबोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर फसल कर ली और विभाग को भनक तक नहीं लगी।

Encroachment on forest land

38 हजार बीघा वन भूमि पर दबंगों का कब्जा

घनश्याम दाधीच @ बारां.
शासन-प्रशासन जल, जंगल व जमीन से सरसब्ज बारां जिले में वन सम्पदा की देखरेख को लेकर कितना सजग है, इसका अंदाजा यहां हर साल हजारों बीघा वन भूमि पर दबंगई से कब्जा कर खेती करने से लगाया जा सकता है। करीब 2 लाख 23 हजार हैक्टेयर वन क्षेत्र के चलते जंगलात को लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान रखने वाले बारां जिले में वर्तमान में 37 हजार 847 बीघा वन भूमि पर अतिक्रमण कर काश्त की हुई है।
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अतिक्रमण के यह आंकड़े तो वो हैं, जो वन विभाग की ओर से चिह्नित करने के बाद एलआरए एक्ट 91 के तहत जिले के बारां व छीपाबड़ौद स्थित सहायक वन संरक्षक कार्यालय में केस के रूप में दर्ज हैं। इनके अलावा पूरे जिले में हजारों बीघा वन भूमि बरसों से अतिक्रमियों की जागीर बनी हुई है। इन्हें वन विभाग के अधिकारी चिह्नित तक नहीं कर पा रहे। बारां क्षेत्र में वर्तमान में करीब 23 हजार 925 बीघा में अतिक्रमण कर खेती की जा रही है तो छीपाबड़ौद क्षेत्र में 13 हजार 922 बीघा में अतिक्रमी फसलों के रूप में मौज काट रहे हैं।
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जेल जाने से गुरेज नहीं, भरते हैं जुर्माना
वन विभाग द्वारा अतिक्रमी को नोटिस दिया जाता है। इसके बाद सहायक वन संरक्षक न्यायालय में सुनवाई होती है। फसल बुवाई के मामले में प्रति बीघा 500 से 1000 रुपए जुर्माना होता है। बार-बार अतिक्रमण करने पर जुर्माने के अलावा एक से तीन माह तक जेल का प्रावधान है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस की मदद से पिछले चार वर्षों से तकरीबन 1500 अतिक्रमियों को जेल भी भेजा गया।
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यह इलाके बने हुए अतिक्रमण के गढ़

वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले में केलवाड़ा एवं नाहरगढ़ रेंज अतिसंवेदनशील हैं। केलवाड़ा रेंज के बींची, रातई व सीताबाड़ी व छबड़ा रेंज के दीलोद, छीपाबड़ौद रेंज के बिलेण्डी व हरनावदाशाहजी, किशनगंज रेंज के बांझआमली व भंवरगढ़, नाहरगढ़ रेंज के नाहरगढ़, मोयदा, दुर्जनपुरा, सिमलोद, जलवाड़ा, खेड़ली, मोतीपुरा व अहमदी इलाके शामिल हैं। समरानिया क्षेत्र अन्तर्गत रामपुर उपरेटी, गाडरी, इसाटोरी समेत अन्य इलाकों में कई प्रभावशाली लोगों का कब्जा है।
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बारां जिले में जंगल की देखभाल के लिए कर्मचारियों की खासी कमी है। यहां विभाग में कुल 273 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें 105 पद रिक्त हैं। अतिक्रमियों को बेदखल करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। कुछ दिनों पूर्व ही नियुक्ति हुई है, ऐसे में सभी पहलुओं के अध्ययन के बाद इस बारे में ठोस कार्य योजना बनाई जाएगी।

महेश गुप्ता, मंडल वन अधिकारी बारां

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