सांगोद विधानसभा क्षेत्र के विधायक भरत सिंह के अनुसार 21 से 23 नवम्बर तक किए गए अध्ययन मेंं क्षेत्र को चीतों के अनुकूल पाया गया है। मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर व मुख्य वन संरक्षक एसआर यादव व खुद भरत सिंह भी इस दौरे में वैज्ञानिकों के साथ टीम में शामिल थे।
विधायक सिंह के अनुसार अध्ययन में प्र्रे-बेस व कुछ अन्य कमियां सामने आई हैं, लेकिन इन्हें दूर किया जा सकता है। जिसका पक्ष मजबूत हो ही आगेटीम ने हाड़ौती के जंगलों के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों व मध्यप्रदेश में गांधीसागर के जंगल व अन्य वन क्षेत्र का भी अवलोकन किया। शेरगढ़ व टाइगर रिजर्व के गॉधी सागर क्षेत्र को भी उपयुक्त पाया है। विधायक भरत सिंह का मानना है कि जो भी अपना पक्ष मजबूती से रखेगा, लाभ उसी क्षेत्र को होगा।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, सुझाव भी दिए विधायक भरत सिंह ने अध्यक्ष,प्रदेश वन्यजीव बोर्ड के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को देहरादून की टीम द्वारा किए गए अध्ययन व इसके परिणाम से मुख्य मंत्री का पत्र लिखकर अवगत करवाया है। उन्होंने इसमेंं बताया है कि ाप्रदेश में हाडोती संभाग में वन्यजीव पर्यटन विकास की सर्वाधिक संभावना है। गत 7 दशक में हम बहुत पिछड गऐ है। इस दिशा में प्राथमिकता से अब काम करने की आवश्यकता है।
इसके लिए मुकंदरा व शेरग-सजय अभ्यारण से गांव हटाकर अन्य अच्छी जगह सडक के किनारे वन भूमि पर बसाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि सांगोद विधानसभा में ही वन विभाग के पास कृषियोग्य भूमि है, इस पर गांवों को बसाया जा सकता है।वरिष्ठ अधिकारी को इस कार्य पर लगाकर तीन माह में यह रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है।
फंड की नहीं कमी सिंह ने पत्र में बताया है कि .राजस्थान सरकार के पास ”केम्पा” फण्ड की 2000 करोड़ राशि जमा है। इसका उपयोग शेरगड़, मुकंदरा, रामगढ़ में चारदीवारी निर्माण में किया जाए। शेरगढ़ के लिए 100 करोड़ केम्पा मद अलग से आरक्षित है। यहां से तो एक छोटा सा गांव विस्थापित करने की आवश्यकता है। सितम्बर मेंं वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी इस मामले में जिक्र किया था। केन्द्र के सामने रखा जाए पक्षविधायक भरत सिंह ने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गुजरात से बब्बर शेर राजस्थान में बसाने की मांग की जाए। कोटा के जंगल इसके लिए उपयुक्त है। संभव है वह, बब्बर शेरको गुजरात से बाहर बसाने पर ध्यान देंगे।
मुकुन्दरा हिल्स में 14 गांव इधर जानकारी के अनुसार मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 14 गांव बसें हैं। इन गांवों का विस्थापन भी किया जाना है। हालांकि दो गांवों को यहां से विस्थापित किया गया है।… टीम प्रदेश के अलावा अन्य जगहों की भी निरीक्षण कर रही है।
रिपोर्ट आने का इंतजार क्षेत्र के जंगलों का वातावरण शेर व चीतों के लिए भी मुफीद है।इसमें कोई शक ही नहीं है, विभाग को रिपोर्ट आने का इंतजार है। संभव है,जल्द रिपोर्ट आएगी।-एसआर यादव,मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डारेक्टर, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व