मुख्यमंत्री गहलोत का बयान, केन्द्र की मदद के बिना पूरी नहीं हो पाएगी ईआरसीपी
गहलोत ने कहा, केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों की 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया हुआ है। वहीं घोषणा के बाद भी राजस्थान की इस परियोजना को अभी तक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा नहीं दिया है।

कोटा. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहत कालीसिंध नदी पर कोटा जिले में नवनेरा बांध के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन योजना कब पूरी होगी, इसका भविष्य तय नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा है कि ईआरसीपी का अनुमानित खर्च करीब 40 हजार करोड़ है जो राज्य सरकार के लिए वहन करना संभव नहीं है। राज्य सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा सहित राज्य के विभिन्न मुख्यालयों के वीसी रूम से जुडकऱ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का लाभ प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा। इनमें झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा व धौलपुर शामिल हैं। इन जिलों में पेयजल व सिंचाई की समस्या दूर होगी।
गहलोत ने कहा, केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों की 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया हुआ है, लेकिन राजस्थान की इस परियोजना को अभी तक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा नहीं दिया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देने का प्रदेश की जनता से वादा किया था।
नवनेरा बांध जुड़ी जानकारी
-जुलाई 2019 में 1595.06 करोड़ की स्वीकृति मिली
-601.2 करोड़ में बनेगा नवनेरा बांध
-अक्टूबर 2022 तक बांध का निर्माण पूरा होगा
-1404 मीटर लंबा होगा बांध
-27 रेडियल गेट लगाए जाएंगे
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