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इसकी राशि ज्यादा होने के कारण कई ठेकेदारों ने देशी शराब के वार्ड चलाने से मना कर दिया। ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों को ओवररेट शराब बेचने व ब्रांच खोलने की खुली छूट का ऑफर दे दिया। इसके बाद कुछ ठेकेदारों ने नवीनीकरण करवाया और कुछ ने ठेके सरेण्डर कर दिए। यह भी पढ़ें
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‘हम आंखें मूंद लेंगे’
सूत्रों के अनुसार बैठक में अधिकारियों ने ठेकेदारों से यहां तक कहा बताया कि आप तो गांवों में ब्रांचें खोल लो और जमकर ओवररेट शराब बेचो, अधिकारी आंखें मूंद लेंगे।
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हां, ठेकेदारों को बताया था
कोटा जिला आबकारी अधिकारी शम्भुदयाल मीणा का कहना है कि देशी शराब के ठेकों के रिन्यूअल के लिए बैठक ली थी, लेकिन उसमें नियमों के उल्लंघन करने जैसी कोई बात नहीं की। देशी शराब को ओवररेट बेचने का केस नहीं बनता, इस बारे में ठेकेदारों को जरूर बताया था।