प्र. अभिनय की दृष्टि से कोटा का भविष्य? भविष्य उज्ज्वल है, प्रतिभाओं की कमी नहीं, मंच व प्रोत्साहन की जरूरत है। प्र. अभिनय व फिल्मों की शुरुआत कैसे हुई? शुरू से कला प्रेमी रहा, 15 वर्ष की आयु में थियेटर शुरू कर दिया। कोटा दशहरा में पहली बार रामलीला में रावण बना। 600 से 700 नाटकों में अभिनय किया। फिर फिल्मों में भाग्य आजमाया।
प्र. जीवन में कोई स्ट्रगल? मुसीबतों से आगे बढऩा सीखा। चार वर्ष की आयु में पिता खो दिए। पत्नी ने साथ छोड़ा लेकिन मैं आगे बढ़ता रहा। जेके से नौकरी छूटने को मैंने दिल पर नहीं लिया, लगा कि अब आजादी से कार्य कर सकूंगा।
प्र. मुम्बई क्यों नहीं गए? बच्चों की जिम्मेदारियों को भी तो पूरा करना था। पत्नी ने साथ छोड़ा तो बच्चे ज्यादा बड़े नहीं थे। प्र. कोटा को क्या देना चाहते हैं? कोटा में फिल्मांकन के लिए सब कुछ है। सपना है कोटा फिल्म नगरी बने। यहां के कलाकारों का नाम रोशन हो।
प्र.क्या कमी खलती है? एयर कनेक्टिविटी जरूरी है। निर्माता निर्देशक कोटा की लोकेशन से खुश तो होते हैं, लेकिन एयर कनेक्टिविटी का उलाहना देते हैं। प्र. कलाकारों को प्रोत्साहन कैसे मिले? कोटा में शूटिंग होती है तो यहां के कलाकार भी भूमिका में आते हैं। शूटिंग की परमिशन स्थानीय स्तर पर ही मिले। प्रशिक्षण संस्थान की भी जरूरत है।
प्र. आपका सपना? अमिताभ बच्चन व आमिर जैसे महानायकों के साथ कार्य करने का अवसर मिले।