पॉजीटिव और नेगेटिव एसडीपी भी न मिले तो क्या करें, ये बता रहे एक्सपर्ट
कीमोथैरेपी से दुगुने कारगर हैं स्टेमसेल और बोनमेरा ट्रांसप्लांट
प्री-कांफ्रेंस वर्कशॉप में फोर्टिस हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ. राहुल भार्गव ने कहा कि बोन मेरो ट्रांसप्लांट तथा स्टेमसेल ट्रांसप्लांट को थैलेसीमिया, प्लास्टिक एनिमिया के 80 फीसदी रोगियों के लिए फायदेमंद माना गया है। इससे इन रोगों को जड़ से समाप्त करना संभव हो सका है। यही नहीं, यह थैरेपी ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए 60 फीसदी तक कारगर साबित हुई है जबकि कीमोथैरेपी में यह आंकड़ा केवल 30 फीसदी तक ही है।
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भारत में सुविधा नहीं, लेकिन हम चाहें तो दुनिया भर को फायदा
वर्कशॉप में डॉ. रवि दारा ने कहा कि विश्व के कई देशों में ब्लड की रजिस्ट्री होने से रक्त समूह ढूंढने में परेशानी नहीं आती। लोग स्टेमसेल सेंपल देकर रखते हैं। भारत में ऐसा नहीं है। अमरीका से रक्त मंगाने पर 50 लाख तक खर्च करने पड़ जाते हैं। भारत में 1 करोड की जनसंख्या का लाभ उठाकर दुनिया को रक्त समूह उपलब्ध जा सकता है। फोर्टिस के डॉ. राहुल ने कहा कि सरकारों को कैंसर सेंटर पर बोन मेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा देनी चाहिए। भारत में प्रतिवर्ष 5.6 लाख ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है।
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बताएंगे रक्तदान के फायदे, दूर करेंगे भ्रांतिआयोजन संयोजक डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार से तीन दिवसीय कांफ्रेंस में रक्त विशषज्ञों के व्याख्यान होंगे। वे रक्त से संबंधित विभिन्न अनुसंधानों के शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे। कांफ्रेंस में यूएसए से डॉ. जांथन पिकर, सिंगापुर से डॉ. सौम्य जमुआर, यूएसए से शैलेन्द्र पोरवाल, ऑस्टे्रलिया से डॉ. रॉबर्ट फ्लावर समेत विश्व भर के 800 रक्त विशेषज्ञ भाग लेंगे।
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राजस्थान में खुलेंगे 7 नए ब्लड बैंकराजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक डॉ. एसएस चौहान ने बताया कि राजस्थान में बारां, चूरू, बूंदी, चित्तौडगढ़़, ब्यावर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, अलवर समेत 7 स्थानों पर नए ब्लड बैंक खोलने पर विचार किया जा रहा है। कोटा मेडिकल कॉलेज में प्लेटलेट्स यूनिट बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 120 ब्लड बैंक हैं।