कोटा

निर्यात को लगेंगे पंख…प्रत्येक जिले में बनेंगे एक्सपोर्ट हब

राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक्सपोर्ट जोन बनाए जाएंगे। इसमें एक जिला, एक उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा।

कोटाMar 27, 2024 / 02:46 pm

Lokendra Sainger

रणजीत सिंह सोलंकी, कोटा। राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक्सपोर्ट जोन बनाए जाएंगे। इसमें एक जिला, एक उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद नीति (ओडीओपी) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

कमिश्नर, इंडस्ट्रीज एंड कमर्शियल डिपार्टमेंट की ओर से तैयार मसौदे में उत्तर प्रदेश, गोवा, गुजरात समेत अन्य राज्यों में ओडीपीसी नीति का अध्ययन किया है। नीति के बारे में विशेषज्ञों और उद्यमियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। इस नीति के तहत उद्योग लगाने पर कई तरह की रियायतें प्रदान की जाएंगी। इससे प्रदेश में निर्यात आधारित नए उद्योग लगेंगे और रोजगार सृजन होगा।

जैसे कोटा डोरिया के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। बूंदी बासमती चावल, अजमेर जटिल संगमरमर के काम से लेकर तथा बारां कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है, लेकिन इन उत्पादों को देश और विश्व में उचित बाजार नहीं मिल पाता है। ओडीओपी से प्रत्येक जिले की मुख्य दक्षताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आगे बढ़ाया जाएगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे ओडीओपी नीति की आधारशिला स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना है। जिला-विशिष्ट उद्योगों में निवेश करके, नीति न केवल उत्पादन के भीतर बल्कि मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स और खुदरा जैसे संबंधित क्षेत्रों में भी नई नौकरियां पैदा करने का अनुमान है।

ओडीओपी नीति के प्राथमिक लाभार्थी स्थानीय कारीगर, किसान, निर्माता और चयनित जिला उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगे उद्यमी होंगे। इसके अतिरिक्त, यह नीति संबद्ध हितधारकों तक अपना लाभ पहुंचाएगी।

कोटा: कोटा डोरिया
बूंदी: चावल
झालावाड़: संतरा
बारां: अनाज-धान, लहसुन
नागौर: मैथी
पाली: दूध उत्पाद
प्रतापगढ़: लहसुन
राजसमंद: जामुन, सीताफल आदि
भीलवाड़ा: मक्का आधारित उद्योग
बीकानेर: मोठ (भुजिया, नमकीन, पापड़)
सवाईमाधोपुर: अमरूद
सीकर: प्याज
सिरोही: सौंफ
श्रीगंगानगर: किन्नू
टोंक: सरसों आधारित उत्पाद
उदयपुर: वन उत्पाद, सीताफल, जामुन
चूरू: मूंगफली
दौसा: गेहूं आधारित
डूंगरपुर: आम
जयपुर: टमाटर
जालौर: इसबगोल
जोधपुर: जीरा आधारित
झुंझुनूं: फल आधारित नींबू
वर्तमान में 33 जिलों से 41 वस्तुओं का चयन किया गया है, 17 नवगठित जिलों से ओडीओपी वस्तुओं की सूची 58 वस्तुओं तक पहुंच जाएगी। उत्पादों के अंतिम चयन का निर्णय प्रमुख सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, राजस्थान की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समीक्षा समिति (एसएलआरसी) द्वारा किया जाएगा।
द एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक गोविंद राम मित्तल का कहना है कि एक जिला-एक उत्पाद को प्रोत्साहित करने की नीति प्रदेश के लिए वरदान साबित होगी। इससे हर जिले से निर्यात को बढावा मिलेगा। निवेश के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे।

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