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इतनी सुंदर थी प्रतिमाएं
आशीष के अनुसार दुर्वा से तैयार की गई प्रतिमा को वर्ष 2018 में 13 से 23 सितम्बर तक स्थापित किया था। प्रतिमा को बनाने में एक माह का समय लगा था। वजन करीब 151 किलो व ऊंचाई साढ़े तीन फीट के करीब थी। माटी में दुर्वा के बीज डालकर प्राकृतिक रूप से दुर्वा उगाकर प्रतिमा तैयार की गई थी। इससे पहले 2017 में साबूदाने से फलहारी गणपति को 25 अगस्त से 5 सितम्बर तक झांकी में प्रदर्शित किया था। प्रतिमा का वजन करीब 25 किलो व ऊंचाई साढ़े तीन फीट की थी। तैयार करने में 15 दिन लगे थे।
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कलाकार ने चाहा उसी रूप में ढले गणपति
आशीष ने वर्ष 2004 से गणपति प्रतिमाएं बनाना शुरू किया। वर्ष 2005 से स्थापना करना शुरू किया। इस वर्ष वायु गणेश बनाने की तैयारी की जा रही है।
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रसायन व अन्य वस्तुएं से निर्मित प्रतिमाएं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए ईको फ्रैंडली प्रतिमां तैयार करते हैं। इनमें से 2 प्रतिमाओं को इंडिया बुक ऑफ रिकॉड में शामिल किया है। इसका कन्फरमेशन मेल प्राप्त हो चुका है। यह कोटा शहर के लिए खुशी की बात है।
आशीष शर्मा, अमर निवास नवयुवक मंडल