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सरसों के लिए 28 डिग्री तापमान होता हैकृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों की बुवाई के लिए करीब 28-30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है। जबकि इन दिनों 38-39 डिग्री तक तापमान पहुंच रहा है।
आधा अक्टूबर निकलने के बावजूद सर्दी नहीं पडऩे व तापमान में हो रही बढ़ोतरी से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। इससे जिले में अभी तक महज 11 फीसदी किसान ही बुवाई कर पाएं है। इधर कृषि विभाग का मानना है कि रबी की बुवाई देरी से हुई तो पछेती सरसों में मोयला आदि रोग लगने की संभावना रहती है। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 37डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 19 डिग्री दर्ज किया गया है।
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उत्पादन होगा प्रभावितसमय पर बुवाई नहीं होने से सरसों, चना, समेत गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ेगा। हालांकि अधिकारियों का मानना है। कि सरसों की बुवाई 15 से 30 अक्टूबर के बीच की जा सकती है, लेकिन इसके लिए उपयुक्त तापमान या भूमि में नमी की आवश्यकता होती है। इन दिनों पड़ रही तेज धूप से भूमि की नमी समाप्त हो गई है। तापमान भी इस सप्ताह में औषत 35 डिग्री से अधिक ही चल रहा है। इससे किसान सरसों की बुवाई करने में हिचक रहे हैं।
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नहीं हो रहा गुलाबी सर्दी का एहसासजिले में खरीफ में देरी से आए मानसुन का असर रबी की फसलों पर भी पड़ रहा है। जिले में इन दिनों सर्दी का एहसास नहीं हो रहा है। जबकि अक्टूबर माह में गुलाबी सर्दी का एहसास होने लग जाता है। दशहरे के बाद लोग सर्दी बढ़ जाता है, इससे फसलों के अंकुरण में भी परेशानी नहीं होती है। लेकिन इस बार तापमान अधिक होने से सरसो आदि के अंकूरण में परेशानी आ रही है।
कृषि के जानकारों का कहना है कि इस समय फसल में फूटन शुरु हो जाती है। देरी से बुवाई करने से मोयले व अन्य बीमारियों को लेकर किसान चिंतित रहते हैं। जैविक किसान देवीलाल ने बताया कि इस बार खेतों में पानी बहकर नहीं निकला है। इससे पेस्टीसाइड आदि खेतों में ही जमा है, इससे रबी की फसलों के अंकूरण में परेशानी हो सकती है।
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तापमान की स्थिति तिथि अधिकतम न्यूनतम तापमान
14 अक्टूबर 34 24
15 अक्टूबर 33 22
16 अक्टूबर 38 18
17 अक्टूबर 38 18
18 अक्टूबर 39 17
19 अक्टूबर 38 79
20 अक्टूबर 38 16
(तापमान डिग्री सेल्यियस में )
इतना है लक्ष्य
गेहूं- 100000
चना- 18000
सरसों- 50000
तारामीरा – 2000
अलसी- 500
दलहनी फसले- 11000
अन्य फसले- 130000
झालावाड़ उपनिदेशक कृषि विस्तार कैलाश चन्द मीणा का कहना है कि अभी तापमान ज्यादा है। रबी में सरसो के लिए तापमान 30 डिग्री तक सही रहता है। तापमान ज्यादा होने से हंकाई के बाद नमी कम हो जाती है। इससे किसान सरसों की बुवाई से पहले पलेवा करके ही बुवाई करें। साथ ही बीजोपचार करके ही बुवाई करें।
गेहूं- 100000
चना- 18000
सरसों- 50000
तारामीरा – 2000
अलसी- 500
दलहनी फसले- 11000
अन्य फसले- 130000
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