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आज देखिए रणथम्भौर के टाइगर्स की दादी की कहानी, शाम को दिखाई जाएगी मछली

locationकोटाPublished: Mar 14, 2018 09:40:51 am

Submitted by:

​Zuber Khan

रणथम्भौर के बाघों की ‘दादी’ की जिंदगी पर नौ साल तक फिल्माई गई फिल्म ‘मछली’ का प्रदर्शन ताथेड़ स्थित गार्डन में शाम साढ़े छह बजे से किया जाएगा।

tiger Machli

Tiger panic in people of four villages

कोटा . रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से महज तीन बाघ मुकुंदरा को आबाद करने आ रहे हैं, लेकिन इनके आते ही कोटा का पर्यटन कारोबार आसमान छूने लगेगा। उम्मीद है कि साल 2025 तक यह 1000 करोड़ रुपए के पार निकल जाएगा, लेकिन इन सबके बावजूद जितनी कीमत एक बाघ की होगी, पूरे कोटा में किसी दूसरी पर्यटक धरोहर की नहीं होगी।
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कोटा के लोगों को यही समझाने के लिए हाड़ौती नेचुरलिस्ट सोसाइटी बुधवार को रणथम्भौर के बाघों की ‘दादी की जिंदगी पर नौ साल तक फिल्माई गई फिल्म ‘मछली का प्रदर्शन करेगी। मछली फिल्म का प्रदर्शन ताथेड़ स्थित राधिका मैरिज गार्डन में शाम साढ़े छह बजे से किया जाएगा।
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रणथम्भौर टाइगर रिजर्व को आबाद करने में बाघिन मछली का सबसे बड़ा हाथ था। 20 साल पहले रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में कदम रखने वाली इस बाघिन ने अपना वजूद कायम करने के लिए वहां पहले से मौजूद और अपने से ज्यादा ताकतवर बाघों से लड़ाई लड़ी। टाइगर रिजर्व में अपनी टेरेटरी बनाने के लिए जलाशयों पर मौजूद घडिय़ालों से भिड़ी। 4 शावकों को जन्म देकर रणथम्भौर की रौनक बढ़ाई। इन्हीं चार शावकों की वजह से मछली का कुनबा 50 बाघों तक बढ गया। जो आज इस टाइगर रिजर्व की शान हैं।
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नौ साल तक की शूटिंग
वाइल्ड लाइफ सिनेमेटोग्राफर नल्ला मुत्थू ने मछली के साथ पूरे नौ साल तक काम किया। मछली देश की इकलौती बाघिन थी जिसकी दुनिया भर में सबसे ज्यादा फोटो खींची और प्रदर्शित की गईं।
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मछली भारत की ऐसी इकलौती बाघिन थी जिसकी स्वभाविक मौत का वीडियो तैयार हुआ। मछली के जाने के बाद नल्ला मुत्थू ने दुर्लभ फुटेज इक_ा कर उसी के नाम से फिल्म बनाई। जिसने 147 देशों में 37 भाषाओं में प्रदर्शित की जाने वाली इकलौती वाइल्ड लाइफ मूवी का रिकॉर्ड भी बनाया। इस फिल्म को देखने के बाद कोटा के लोग आसानी से एक बाघ की अहमियत समझ सकेंगे। जिससे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को आबाद करने में खासी आसानी होगी।
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