सूत्रों के अनुसार लगभग 50 देशों में एनबीए एक्रेडिटेट्ड डिग्री करने वाले ग्रेजुएट्स को जॉब में वरीयता मिलती है। खाड़ी देशों में पिछले दो वर्षो से बिना एक्रेडिटेट्ड कोर्स किये इंजीनियर्स के जॉब पर संकट के बादल छा गये हैं। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने देश के सभी इंजीनियरिंग संस्थानों को एनबीए के अनुरूप क्वालिटी एजुकेशन देने की सलाह दी थी। आरटीयू कुलपति ने इसे प्राथमिकता देते हुये डेढ़ वर्षो मे आउटकम बेस्ड एजुकेशन की बारीकियों पर विशेषज्ञों के साथ मंथन किया।
एनबीए द्वारा एक्सपर्ट विजिट में संस्थान को विशेषज्ञों के नाम नहीं बताए जाते है। उनके ठहरने, स्थानीय यात्रा आदि को भी गोपनीय रखा जाता है। शिक्षाविदांें में बीएमएस कॉलेज बैंगलोर, आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया, दिल्ली, नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट, दिल्ली एवं मुरथल से एक-एक विशेषज्ञ आरटीयू आए थे। उन्होने यहां उस वक्त चल रही ऑनलाइन बीटेक प्रथम वर्ष की क्लास में जो पढ़ाया जा रहा था, उसके इंजिनियरिंग में उपयोग के बारे में पूछा। साथ ही यह जानने की कोशिश की कि छात्र कोई विषय तथा टॉपिक क्यों पढ़ रहा है। देश के बडे शहरों में जॉब कर रहे 50 से अधिक एलुमनी छात्रों ने यहां की शिक्षण पद्धति के बारे में फीडबैक दिया।
वर्तमान में पढ़ रहे 25 स्टूडेंट्स के माता पिता से कॉलेज में हो रही पढ़ाई के बारे में पूछा। हर विभाग में अलग एक्सपर्ट ने पूरे दो दिन हर शिक्षक के कार्य, उसके परिणामों तथा लैब में कराए जा रहे प्रैक्टिकल, उपकरणों आदि को परखा। परीक्षा परिणाम, खेल सुविधा, छात्रावास, कैंटीन, मेंटर आदि की विवेचना की। अंतिम वर्ष में पिछले तीन वर्षो में छात्रों ने क्या प्रोजेक्ट किए, उनकी उद्योगों में क्या उपयोगिता है, आदि को 10 मापदंडों पर परखा।
कुलपति प्रो. गुप्ता ने बताया कि आरटीयू कोटा में नये सत्र से बी टेक कंप्यूटर ब्रांच में सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 120 की जायेगी। इसी तरह इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल तथा इलेक्ट्रिकल में क्रमश 60 तथा 120 सीट उपलब्ध होंगी।
आरटीयू के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने तकनीकी शिक्षा में नवाचार से यह उपलब्धि हासिल करने पर आरटीयू को बधाई देते हुये कहा कि भविष्य में भी यूनिवर्सिटी गुणवत्ता में अग्रणी बनी रहे। तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने इस मान्यता को समय की मांग के अनुरूप बताया। इससे इन ब्रांचों के इस संस्थान से पासआउट होने वाले छात्रों को अच्छे रोजगार मिल सकेंगे।
डीन प्रो अनिल के माथुर ने पांच पाठ्यक्रमों के एक्रेडिटेटेड होने के पीछे शिक्षको की मेहनत पर आभार जताया। उन्होंने बताया कि लोकडाउन खत्म होने पर तीन अन्य बीटेक कोर्सेस हेतु एक्सपर्ट विजिट करने हेतु एनबीए से आग्रह करेंगे। जिससे 2021 में इस संस्थान में कुल 8 कोर्स एक्रेडिटेटेड हो सकें।