इधर कोटा जिले में पार्वती नदी में पानी की भारी आवक ने इस साल पिछले सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इससे खातौली क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए। यहां पार्वती नदी में 201 मीटर तक पानी आने पर चेतावनी जारी कर दी जाती है और 202 मीटर के स्तर पर पानी आते ही खतरे के हालात बन जाते हैं। पार्वती नदी में वर्ष 1996 में सबसे ज्यादा 207.55 मीटर अधिकतम जल स्तर मापा गया। इसके बाद मंगलवार को शाम 6 बजे नदी का स्तर खतरे का निशान पार करते हुए 207 मीटर तक पहुंच गया। इसके कुछ घंटों बाद यह स्तर 208 मीटर तक पहुंच गया जो इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा है। जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने फील्ड में जाकर हालत देखे तो उन्हें जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पार्वती नदी में जल प्रवाह के स्तर ने अब तक के सारे रेकॉड तोड़ दिए।
खातौली क्षेत्र में पानी भरने के कारण काफी लोग फंस गए। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि खतौली क्षेत्र में एसडीआरएफ की मदद से रात 10 बजे तक 27 लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। आपदा दलों का रेस्क्यू लगातार जारी है। जिले का भारी पुलिस बल भी क्षेत्र में मुस्तैद रहकर लोगों को बचाने में जुटा है। इटावा क्षेत्र में बुधवार को एक और एसडीआरएफ की टीम पहुंचेगी।
बिरला ने बाढ़ पर जताई चिन्ता, भाया आए आगे–
कोटा. हाड़ौती में पानी से घिरे गांवों के हालात पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चिंता जताई है। उन्होंने इटावा क्षेत्र को लेकर कोटा जिला कलक्टर से बात करके भोजन और आश्रय स्थल का बेहतर प्रबंधन करने के निर्देश दिए। इसी तरह से राज्य सरकार के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बारां में बाढ़ के हालातों से अवगत कराया। भाया के आग्रह पर ही सरकार की ओर से बारां में बाढ़ में फंसेे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा जाएगा।
यूडीएच मंत्री ने लिया फीडबैक-
हाड़ौती में नदियों में उफान के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा, ग्रामीण इलाकों सहित शहरी क्षेत्र में जलभराव वाले स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन तत्काल किया जाए। उन्होंने रेस्क्यू दलों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
लगातार जारी है बरसात-
हाड़ौती में भारी बरसात का कहर लगातार जारी है। मंगलवार रात तक भी बरसात थमी नहीं है। मंगलवार रात में कोटा शहर समेत कई क्षेत्रों में तेज बरसात का दौर चल रहा है। कभी तेज तो हल्की बरसात हो रही है। लगातार बरसात से सरकारी भवनों एवं कई इमारतों में पानी टपकने लगा है।