scriptOMG शौचालय में एक साल से बन रहा है भोजन | Food being made in the toilet for one year in kota | Patrika News

OMG शौचालय में एक साल से बन रहा है भोजन

locationकोटाPublished: Sep 18, 2019 07:32:45 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

Negligence नवनिर्मित सार्वजनिक शौचालय पर अवैध कब्जा

OMG शौचालय में एक साल से बन रहा है भोजन

OMG शौचालय में एक साल से बन रहा है भोजन

कोटा. जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन, कोटा को स्मार्ट सिटी बनाने व खुले में शोच के लिए आमजन को जागरूक कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कोटा शहर के वार्ड 20 में लाखों की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय पर जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कब्जा हो गया है। शौचालय में अभी एक परिवार एक साल से रह रहा है। हर रोज यहाँ रसोई में भोजन पकता है और पूरा परिवार भोजन करता है फिर काम पर चले जाते है। इसके चैनल गेट पर निजी ताला लगा होने व कब्जा होने की वजह से आमजन इसका उपयोग नहीं कर पा रहा है।

इस मामले में बुधवार को किशोरपुरा निवासी कमलसिंह यदुवंशी ने नगर निगम आयुक्त के नाम उनके निजी सहायक कमल मालव को ऑनलाइन ज्ञापन सौंप कर शौचालय से निजी कब्जा हटवाने व मामले की जांच की मांग की है। निगम आयुक्त के नाम दिए ज्ञापन में कहा कि वार्ड 20 किशोरपुरा में चंबल नदी किनारे पर गोविंद धाम मंदिर के पास नगर निगम की ओर से करीब 17 लाख की लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया हैं।
इस शौचालय भवन को तैयार हुए डेढ साल से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन इसे अभी तक भी आमजन के लिए नहीं खोला गया है, हालांकि कुछ माह पहले ही स्थानीय पार्षद द्वारा भवन पर शिलापट्ट भी लगवा दिया गया था, जिस पर पूर्व उपमहापौर योगेंद्र खींची, स्वयं पार्षद युसुफ व अन्य नाम अंकित है। लेकिन करीब दो माह पूर्व इस शिलापट्ट को एक फ्लेक्स बोर्ड लगाकर ढक दिया गया। वर्तमान में इस शौचालय में एक परिवार बसर कर रहा है।
रात के समय इस शौचालय में एक बाइक खड़ी रहती है और एक परिवार रहता है। इसमें लाइट व पानी का कनेक्शन भी हो रखा है। इसके चैनल गेट पर ताला लगा कर रखा हुआ है, ताकि इसका आमजन उपयोग नहीं कर सके। कमलसिंह यदुवंशी ने बताया कि आसपास के लोगों से जब इस संदर्भ में पता किया तो उनका कहना था कि इस शौचालय के एक कमरे में कुछ निर्माण सामग्री पटक रखी है और एक परिवार निवास कर रहा है। यदुवंशी ने बताया कि नदी किनारे इस शौचालय का निर्माण इसलिए करवाया गया था कि आसपास की बस्ती के लोग नदी किनारे खुले में शोच न करें और स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग हो सके।
लेकिन लाखों रूपए खर्च कर बनवाए गए इस सार्वजनिक शौचालय पर अभी निजी कब्जा हो गया है। इस शौचालय में पानी व बिजली की सुविधा अभी चालू है। एक साल से इसके बिल का भुगतान कौन कर रहा है? इसकी भी जांच की मांग की है।
शौचालय शुरू हुआ नही, भवन में दरारें भी आ गई
यदुवंशी ने इस शौचालय भवन निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि अभी शौचालय को आमजन के लिए खोला भी नहीं गया और इसकी दीवारों में जगह-जगह दरारें आ गई हैं निगम प्रशासन को उसकी गुणवत्ता की जांच करवानी चाहिए और संबंधित फर्म के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए।
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