स्नातक के बाद बीएससी बायो, कृषि, नर्सिंग, फोरेस्ट, वाइड लाइफ, एमएससी के विद्यार्थी एडमिशन ले सकेंगे। रेप्टीलियन सिलेबस में दो सेमेस्टर रहेंगे। इसमें ५-५ यूनिट रहेगी। तीन यूनिट थ्योरी की व दो प्रेक्टिकल सेशन रहेंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ प्रेक्टिकल के लिए अलग-अलग सेंचुरी का भ्रमण भी करवाया जाएगा। प्रो. विनोद महोबिया सर्प एवं मानव कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. विनित महोबिया ने बताया कि कोर्स में विद्यार्थियों को सर्प, घडिय़ाल, मगरमच्छ, बिच्छु, मकड़ी, छिपकलियों व जहरीले जीव-जन्तुओं की विभिन्न व लुप्त प्रजातियों के बारे में पढ़ाया जाएगा। फोटोग्राफी करवाई जाएगी। रणथंभौर, मुंकुदरा व अन्य सेंचुरी का भ्रमण करवाया जाएगा। पशु विष व रसायनिक विष के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। अभी फीस व सीट का होना तय है।
वन्यजीवों पर काम करने वाली संस्थाओं की जानकारी भी दी जाएगी। भविष्य में विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर भी मिले सकें गे। राजस्थान में कोटा में बनने वाले स्नेक पार्क में भी विद्यार्थियों प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कोर्स से विद्यार्थियों को वाइड लाइफ, सीजेएड, एनटीसीए, आईबी डब्ल्यूएल, जेडएसआई, बीएसआई, जेएडएसआई, आईयूसीएन, डब्ल्यू डब्ल्यूएप, बीएनएचएस, डब्ल्यूआईआई, एफआरआई, डब्ल्यूएलसीसीबी, एनबीआई, सीटीएस संस्थाओं की जानकारी मिलेगी। कोर्स में विद्यार्थियों को वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर कानून जानकारी भी मिलेगी। भारतीय वन एक्ट १९२७, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, फोरेस्ट कंर्जेवेशन एक्ट, महोबिया सीरिंज टेक्निक के बारे में पढ़ाया जाएगा।
कोटा विवि में रेप्टीलियन साइंस कोर्स शुरू होगा। यह प्रदेश में पहला व देश में यूनिवर्सिटी में दूसरा कोर्स होगा। इसमें विद्यार्थियों को वन्यजीवों व उनके विषों की पढ़ाई करवाई जाएगी। कोटा में बनने वाले स्नेक पार्क में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
– आरके उपाध्याय, कुलसचिव, कोटा विवि, कोटा