अस्पताल ने स्टील स्क्रू की खरीदी आठ रुपए में की है, जबकि बाजार में यह महज 30 पैसे में मिल रहा है। मामले के अनुसार, अस्पताल ने मैसर्स चौधरी कंस्ट्रक्शन को 61 हजार 965 रुपए में टेण्डर दिया था। वहीं वेट कर के लिए अलग राशि का प्रावधान रखा गया।
#Swineflu: यहां 4 महीने में 4 रोगी स्वाइन फ्लु पॉजीटिव, 2 की मौत वर्क ऑर्डर 27 अप्रेल को जारी हुआ। इसी वर्क ऑर्डर के आधार पर पत्रिका संवाददाता ने शॉपिंग सेंटर, चौपाटी और गुमानपुरा स्थित इलेक्ट्रिक व हार्डवेयर की दुकानों पर जानकारी ली तो ज्यादा दर पर खरीद की पोल खुली। अस्पताल के वर्क ऑर्डर की दरें कई गुना ज्यादा निकली। खरीद प्रक्रिया में कई कार्मिक और अधिकारी शामिल हैं।
बिल भी पेश कर दिया फर्म ने वर्क ऑर्डर की दर के अनुसार सामग्री सप्लाई की और इसका बिल भी अस्पताल प्रबंधन को पेश कर दिया। इसमें पीवीसी गिट्टी और टेस्टर के दाम को बिल में कम कर दिया है, लेकिन फिर भी यह बाजार दाम से कई गुना ज्यादा हैं। संवेदक ने वेट मिलाकर 67 हजार 858 रुपए का बिल पेश किया है।
महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष के पति ने किया खुदकुशी का प्रयास दो अस्पताल : एक में सस्ता, दूसरे में महंगा मेडिकल कॉलेज के ही एमबीएस अस्पताल ने भी इलेक्ट्रिक सामानों की खरीद के लिए दर अनुबंध कर रखी हैं। इसमें साढे़ सात रुपए में स्र्टाटर, 140 रुपए में ट्यूबलाइट विद फिटिंग, 65 रुपए में पेचकस और वायर केबल 40 गुना 76 को 650 रुपए में संवेदक को देना है। जबकि नए अस्पताल में 13 रुपए में स्टार्टर, 280 में ट्यूबलाइट, 170 में पेचकस और 740 में वायर केबल 40 गुना 76 के खरीद के दिए आदेश में जारी हुए हैं।
#बिजली_के_झटके: नहीं दिखे 250 करोड़ के विद्युत सुधार साहब बोले- भुगतान में पैसा काट लेंगे (
अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसआर मीणा से सीधी बात)
सवाल: आपके अस्पताल में बाजार दाम से कई गुना ज्यादा में खरीद आदेश हुए हैं?
जवाब : एेसा नहीं हो सकता हैं, मैं दिखवाता हूं।
सवाल: खरीद कमेटी में कौन कौन शामिल है? जवाब : इसमें डिमांड करने और खरीद करने वाले ही शामिल हैं। सवाल: दरें ज्यादा होने के बावजूद आपने नेगोशिएशन नहीं किया? जवाब : हमने वर्क ऑर्डर जारी किया है, भुगतान में पैसा काट लेंगे।
#ऑपरेशन_मिलापः बिछड़े बेटे से पहले दिन ही मिला परिवार जांच करवा लेंगे स्थानीय खरीद अस्पताल ही करते हैं, मुझे जानकारी नहीं हैं। गड़बड़ी हो रही होगी तो जांच करवा लेंगे।
डॉ. गिरीश वर्मा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
रीजनेबल दरों का सर्टिफिकेट जरूरी लेखा नियमों के मुताबिक, कम से कम तीन सदस्यों की क्रम समिति ही खरीद करती है। इसमें कम दर वाले को आदेश देते हैं। कोटेशन लेकर की गई खरीद में रीजनेबल दरों का सर्टिफिकेट देना होता है। दरें ज्यादा होने पर कमेटी को निगोशिएशन करना चाहिए।
पूर्वा अग्रवाल, एफए, मेडिकल कॉलेज