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एसडीएम पर रिवाल्वर तानने पर पूर्व विधायक को तीन साल की कठोर सजा

locationकोटाPublished: Dec 14, 2020 09:15:03 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

कंवरलाल मीणा के खिलाफ अकलेरा थाने में कुल 15 मामले दर्ज हो चुके हैं एवं जिसमें सितम्बर 2003 में उग्र भीड़ को उकसाकर थाना अकलेरा में घुसकर तत्कालीन थानाधिकारी सीताराम मीणा की पिटाई का मामला भी शामिल है। जनवरी 2016 में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय की जवाबदेही यात्रा में मीणा ने लाठियों से हमला किया था।

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पूर्व विधायक रहे कंवरलाल मीणा

झालावाड़. धमकाने, राजकार्य में बाधा व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में कोटा संभाग के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना से पूर्व विधायक रहे कंवरलाल मीणा को सोमवार को कोर्ट ने तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। लोक अभियोजक ने बताया कि साथ ही धारा 353 के तहत आरोपी को 2 साल के कठोर कारावास से दंडित किया। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अकलेरा असीम कुलश्रेष्ठ ने अधीनस्थ न्यायालय एसीजेएम मनोहरथाना के 2 अप्रेल 2018 के फैसले को अपास्त करते हुए यह फैसला सुनाया। मीणा को जेल भेज दिया।
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि 3 फरवरी 2005 को सुबह 11.30 बजे तहसीलदार मनोहरथाना व थानाधिकारी ने एसडीएम रामनिवास मेहता को सूचना दी कि मनोहरथाना से 2 किमी दूर दांगीपुरा-राजगढ़ मोड पर मुख्य मार्ग पर खाताखेड़ी के लोगों ने उपसरपंच के रिपोल के लिए रास्ता रोक रखा है। एसडीएम व आईएएस डॉ.प्रीतम बी यशवन्त (प्रशिशु) अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचकर लोगों के साथ समझाइश कर रहे थे। इस दौरान एम्बुलेंस नुमा वाहन में 7 आदमियों के साथ कंवरलाल मीणा आए और कुर्ते की जेब से रिवाल्वर निकाल मेहता के सिर पर तान दी और कहा कि दो मिनट में उपसरपंच चुनाव के रिपोल की घोषणा कर नहीं तो जान से मार दूंगा। इस दौरान मीणा ने वीडियोग्राफी की कैसेट भी तोडक़र चुनावी प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई थी। डॉ. यशवन्त का डिजीटल कैमरा भी छीन लिया, जिसे 20 मिनट बाद लौटाया। 2018 में मीणा के विरुद्ध सभी मुकदमों का निस्तारण होने की सूचना पर परिवादी मेहता ने उच्च कोर्ट में अपील की थी। मेहता अभी गृह विभाग शासन सचिवालय जयपुर में संयुक्त शासन सचिव पद पर तैनात हैं।
परिवादी ने अपील में बताया कि घटना के दौरान दो थानों के थानाधिकारी एवं स्वयं डिप्टी एसपी भी कंवरलाल मीणा की इस हरकत का जुबान से विरोध करने का भी साहस नहीं जुटा पाए थे। बाद में कंवरलाल मीणा वहां से आराम से चला गया। घटना की सूचना सर्वप्रथम मनोहरथाना तहसील के फोन से डॉ.प्रीतम बी. यशवन्त के द्वारा जिला कलक्टर को दी गई। पुलिस ने इस पूरी घटना को देखा इसके बावजूद घटना के संबन्ध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की।
कई मामले दर्ज
कंवरलाल मीणा के खिलाफ अकलेरा थाने में कुल 15 मामले दर्ज हो चुके हैं एवं जिसमें सितम्बर 2003 में उग्र भीड़ को उकसाकर थाना अकलेरा में घुसकर तत्कालीन थानाधिकारी सीताराम मीणा की पिटाई का मामला भी शामिल है। जनवरी 2016 में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय की जवाबदेही यात्रा में मीणा ने लाठियों से हमला किया था।
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