परिवादी ने अपील में बताया कि घटना के दौरान दो थानों के थानाधिकारी एवं स्वयं डिप्टी एसपी भी कंवरलाल मीणा की इस हरकत का जुबान से विरोध करने का भी साहस नहीं जुटा पाए थे। बाद में कंवरलाल मीणा वहां से आराम से चला गया। घटना की सूचना सर्वप्रथम मनोहरथाना तहसील के फोन से डॉ.प्रीतम बी. यशवन्त के द्वारा जिला कलक्टर को दी गई। पुलिस ने इस पूरी घटना को देखा इसके बावजूद घटना के संबन्ध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की।
कई मामले दर्ज
कंवरलाल मीणा के खिलाफ अकलेरा थाने में कुल 15 मामले दर्ज हो चुके हैं एवं जिसमें सितम्बर 2003 में उग्र भीड़ को उकसाकर थाना अकलेरा में घुसकर तत्कालीन थानाधिकारी सीताराम मीणा की पिटाई का मामला भी शामिल है। जनवरी 2016 में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय की जवाबदेही यात्रा में मीणा ने लाठियों से हमला किया था।