scriptरिजर्व में बाघों की मौत पर तय हो जिम्मेदारी | Former MP of Kota-Bundi Lok Sabha calls for high-level inquiry | Patrika News

रिजर्व में बाघों की मौत पर तय हो जिम्मेदारी

locationकोटाPublished: Aug 05, 2020 08:33:57 am

Submitted by:

Haboo Lal Sharma

कोटा-बूंदी लोकसभा के पूर्व सांसद इज्जयराज सिंह ने मुकुंदरा में बाघों की मौोत को लेकर केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को अवगत कराते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

टाइगर रिजर्व में दो बाघों की मौत का मामला

रिजर्व में बाघों की मौत पर तय हो जिम्मेदारी

कोटा. कोटा-बूंदी लोकसभा के पूर्व सांसद इज्जयराज सिंह ने मुकुंदरा में बाघों की मौोत को लेकर केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को अवगत कराते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, इस मामले में लापरवाही की जिम्मेदारी तय हो और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही जो 2 शावक बच्चेे है। उनका पालन एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी भी तय की जाए ताकि वन्यजीव सुरक्षिर रह सके। सिंह ने बाघों की मौत एं रिजदर्व में हो रही अनियमितताओं के बारे में पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा गत २३ जुलाई को एक बाघ एमटी 3 मृत पाया गया था, जो तीन दिनों से अस्वस्थ था। जबकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मं पाया गया कि बाघ की मौत फैफड़ों में संक्रमण व हृदय गति रूकने से हुई है। सिंह ने लिखा कि यदि बीमार बाघ की अनदेखी नहीं की होती और लक्षणों के आथार पर विशेषज्ञों द्वारा समय पर जांच करके इलाज किया जाता तो शायद बाघ को बचाया जा सकता था। मौत के स्पष्ट कारणों को जानने के लिए बाघ का विसरा जांच के लिए भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट अभी तक रिजर्व कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है, जबकि विसरा जांच की रिपोर्ट विभाग को तत्परता से मांगनी चाहिए थी। अभयारण्य में सुरक्षा चक्र के बीच जहां आम आदमी को प्रवेश की अनुमति नहीं होती है, ऐसे में विभाग की मॉनिटरिंग पर सवालिया निशान उठ रहे है। बाघों के गले में लगाए गए रेडियो कॉलर का क्या औचित्य है जब वो सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहे है।

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