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गुणवत्ता का ढकोसला, नहीं मिल रही शिक्षा

locationकोटाPublished: Sep 14, 2019 12:38:46 am

Submitted by:

Anil Sharma

सुखपुरा उत्कृष्ट विद्यालय की स्थिति : पर्याप्त कक्षा कक्ष है न शिक्षक, पुराने भवन में चल रहा स्कूल, हल्की बारिश में ही टपकने लग जाती है छतें….

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सुखपुरा के राजकीय स्कूल में बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते विद्यार्थी।,सुखपुरा के राजकीय स्कूल में बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते विद्यार्थी।

भैसरोडगढ़. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही हैं। शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रही हैं। लेकिन हकीकत में न तो गांवों में सरकारी स्कूलों के ढंग के भवन है और न ही वहां पर पर्याप्त शिक्षक। ऐसे में ग्रामीण परिवेश के बच्चे शिक्षा से ही वंचित है।
जानकारी के अनुसार धागड़मऊ ग्राम पंचायत के उत्कृष्ट राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुखपुरा के हालात बहुत खराब है। आठवीं कक्षा तक के विद्यालय में मात्र चार कमरे व एक बरामदा है। इनमें से एक कक्ष में प्रधानाचार्य का ऑफिस व स्टाफ रूम है। शेष तीन कमरों में से कक्षा आठवीं बोर्ड होने के कारण अलग बैठानी पड़ती है। कक्षा एक से सातवीं तक कक्षाओं के विद्यार्थियों को दो कमरों में जैसे-तैसे बैठाकर अध्ययन कराया जा रहा है। कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं में 121 विद्यार्थियों का नामांकन है।
इस स्कूल को उत्कृष्ट स्कूल का दर्जा मिला हुआ है। इसके बावजूद यहां सुविधाएं नाममात्र है।
पुराना हो चुका है स्कूल भवन

विद्यालय का भवन कई बरसों पूर्व निर्मित होने से पुराना व जर्जर हो चुका है। हल्की बारिश के दौरान ही कमरों की छते टपकने लगती है। ऐसे में मजबूरन स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है। जिससे अध्ययन प्रभावित हो रहा है।
एक साल से कार्य बंद
प्रधानाचार्य चंद्रप्रकाश शृंगी ने बताया कि कक्षा-कक्षों की कमी को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था। जिसके बाद कक्ष निर्माण लिए 7 लाख रुपए बजट स्वीकृत हुआ। ऐसे में थोड़ी राहत की उम्मीद जगी, लेकिन राशि मात्र साढ़े तीन लाख रुपए ही अभी तक मिली है। शेष राशि नहीं मिलने से कक्षा कक्ष का निर्माण कार्य एक साल से अधूरा पड़ा है।
खेल मैदान पर अतिक्रमण
स्कूल का करीब 15 बीघा में फैला खेल मैदान है। लेकिन उस पर सालों से अतिक्रमियों ने कब्जा कर रखा है। हालांकि इस संबंध में विद्यालय प्रशासन ने जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारी रावतभाटा को शिकायत कर रखी है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है।
9 पद स्वीकृत, 6 पर नियुक्ति
विद्यालय में शिक्षकों के पद लम्बे समय से खाली चल रहे हैं। यहां प्रधानाचार्य सहित 9 पद स्वीकृत है, लेकिन मात्र 6 शिक्षक ही वर्तमान में है। जिन पर 121 विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। लेवल वन में एक शिक्षक व लेवल टू में सामाजिक व संस्कृत के शिक्षकों के पद रिक्त है। इनमें से एक शिक्षक को विद्यालय के अन्य कार्य करने होते हैं।
वर्जन
प्रधानाचार्य शेष बजट नहीं मिलने के बारे में लिखित में भिजवाएं। ताकि बाकी राशि भी मंगवाकर कक्षा कक्ष का निर्माण पूरा कराया जा सके।
– पन्नालाल बैरवा, ब्लॉक मुख्य प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, भैसरोडगढ़

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