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बल खाती चंद्राकार चम्बल के मनोहारी नजारे पर अफसरों ने क्यो लगा दिया दाग

locationकोटाPublished: Jul 26, 2019 03:18:12 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

garadia mahadev दुनिया भर में कोटा की नायाब पहचान बन चुके इस हसीन मंजर को वन विभाग के अफसरों ने कर दिया तबाह

garadia mahadev View Point By standing a permanent ralling

बल खाती चंद्राकार चम्बल के मनोहारी नजारे पर अफसरों ने क्यो लगा दिया दाग


कोटा. बल खाती चंद्राकार चंबल के मनोहारी नजारे को कैमरे में कैद करने की ख्वाहिश लेकर आप गरडिया जा रहे हैं तो रास्ते से ही वापस लौट जाएं। दुनिया भर में कोटा की नायाब पहचान बन चुके इस हसीन मंजर को वन विभाग के अफसरों ने तबाह कर दिया है। व्यू पाइंट पर पक्की रैलिंग खड़ी कर गरडिया के माथे पर ऐसा दाग लगाया है कि कोटा के पर्यटन को इसका बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ेगा। रंगीलो राजस्थान का छलावा तो ईस्ट वेस्ट कॉरीडोर से उतरते ही शुरू हो जाता है।
अग्रेसिव टूरिज्म मार्केटिंग स्टे्रटजी के तहत गरडिया महादेव की लोकेशन को प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग ने जमकर भुनाया, लेकिन जितना खूबसूरत नजारा इस स्ट्रेटजी के तहत तैयार की गई वीडियो सीरीज में दिखाया गया था, अब उसे पूरी तरह तबाह कर दिया गया है।

तबाह की खूबसूरती
पगमार्क फाउंडेशन के देवव्रत सिंह हाड़ा ने बताया कि वन विभाग ने सुरक्षा के नाम पर पूरे व्यूपाइंट पर रैलिंग खड़ी कर दी है। प्लास्टिक के पाइपों में रेत भरकर और उसके ऊपर प्लास्टर किया गया है। जिसके बाद ऐतिहासिक नजारे की उम्मीद में आए पर्यटकों को निराशा हाथ लग रही है। बड़ी बात यह है कि जिस वन विभाग को हाइवे से गरडिया महादेव के रास्ते में ढाई किमी की सड़क का निर्माण कराने में अक्सर आपत्ति रही हो उसने व्यूपाइंट पर किस अधिकार से रैलिंग खड़ी करा दी। मसला सुरक्षा का ही था तो मोटा टैक्स वसूल रहा विभाग चार गार्ड क्यों नहीं खड़े कर सका।

घट चुके हैं दर्शक

गरडिया महादेव जाने के लिए वन विभाग अब पर्यटकों ही नहीं भक्तों से भी मोटा टैक्स वसूल रहा है। एक आदमी से 85 रुपए की फीस और बाइक से गया तो 35 और कार से जाने की गलती कर दी तो 275 रुपए का शुल्क वसूला जा रहा है। इतना पैसे खर्च करने के बाद भी शौचालय और पानी के लिए भटकने को अब पर्यटक तैयार नहीं है।
नतीजन पिछले एक साल में दर्शकों की संख्या आधी से भी कम रह गई है। गरडिया महादेव पर सालों से शौचालय, पीने के पानी और पार्किंग की मांग की जा रही है। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व एडवाइजरी कमेटी की हाल ही हुई बैठक में भी यह मसला उठा था।

रैलिंग पर्यटकों की सुरक्षा के लिए की गई है। हमें नहीं लगता कि व्यू पाइंट प्रभावित होगा।
आनंद मोहन, फील्ड डायरेक्टर, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व


वन विभाग ने कोटा के पर्यटन को दूसरी बार चोट पहुंचाई है। पहले गरडिया पर मोटा टैक्स लगा दिया और अब रैलिंग खड़ी कर व्यू पॉइंट खराब कर दिया। अफसरों को पर्यटकों की इतनी ही चिंता है तो सबसे पहले उनके लिए जनसुविधाएं जुटानी चाहिए थी। सलाहकार समिति से भी इस बारे में पूछना जरूरी नहीं समझा, जबकि उसका गठन इसी काम के लिए हुआ है।
तपेश्वर भाटी, सदस्य, मुकुंदरा हिल्स सलाहकार समिति
एक वीडियो दस करोड़ दर्शक
बल खाती चंबल की हसीन वादियों की एक झलक ने हिंदुस्तान की म्यूजिक वीडियो इंडस्ट्रीज में तहलका मचाकर रख दिया था। बी प्रॉक और अरविंद खेरा की जोड़ी ने मनभरिया लॉन्च किया तो 24 घंटे में 15 लाख व्यूअर्स आ जुटे। अब तक 32 करोड़ से ज्यादा व्यूअर्स इस वीडियो के जरिए गरडिया महादेव के हसीन नजारे को देखकर दीवाने हो उठे हैं। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्रीज के यह दोनों धुरंधर गरडिया का वीडियो देखकर इस कदर मचल उठे थे कि शूटिंग करने के लिए 768 किमी तक खुद कार चलाकर कोटा आए। इसी वीडियो ने गरडिय़ा के प्राकृतिक सौंदर्य को वैश्विक पहचान दिलाई।

‘जाने क्या दिख जाएÓ की जान गरडिया
स्टेट टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए वर्ष 2015 में जब राजस्थान की टॉप लोकेशन छांटी गईं तो उनमें सबसे ऊपर था गरडिया का मनोहारी चंद्राकार नजारा। आठ वीडियो की टूरिज्म प्रमोशन सीरिज जाने क्या दिख जाए में सबसे ज्यादा लोगों को किसी ने लुभाया था तो वह गरडिय़ा महादेव की लोकेशन ही थी।
रेतों के धोरों के लिए विख्यात राजस्थान में मनमोहक हरियाली और बल खाती नदी की मौजूदगी ने लोगों को हैरत में डाल दिया था। इस वीडियो को बनाने और उसके प्रचार प्रसार पर सरकार ने खजाने से दस करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया था, लेकिन अब यह नजारा बीती बात बन चुका है।
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