सौर ऊर्जा प्लांट से मिल रही सस्ती बिजली
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाने में सौर ऊर्जा की दिशा में बेहतर कार्य हुआ है। ऊर्जा संरक्षण एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करने की पहल की है।

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाने में सौर ऊर्जा की दिशा में बेहतर कार्य हुआ है। ऊर्जा संरक्षण एवं कार्बन उत्सर्जन को कम करने की पहल की है। कारखाने के विभिन्न शेडों, प्रशासनिक भवन व कैंटीन की छत पर 500 किलोवॉट क्षमता का सौर ऊर्जा उत्पादन प्लांट पीपीपी मोड पर लगाया है। इसमें रेलवे को केवल भूमि देनी पड़ती है, प्लांट लगाने का कोई पैसा नहीं देना पड़ता। प्लांट लगाने का खर्च सौलर पावर डेवलपर स्वयं उठाता है। उत्पादित सौलर ऊर्जा कारखाने को बेची जाती है। कारखाना कोटा सौलर ऊर्जा 4.65 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदता है, जबकि केडीईएल से यही बिजली 7.30 रुपए प्रति यूनिट की दर से प्राप्त होती है।
वर्ष 2018-19 में 5,99,230 केडब्ल्यूएच सौलर ऊर्जा का उत्पादन किया गया। इससे 15 लाख 87 हजार 960 रुपए की बचत हुई है। वर्ष 2019-20 में 6,43,673 केडब्ल्यूएच सौलर ऊर्जा का उत्पादन किया गया है। इससे 17 लाख 5 हजार 733 रुपए की बचत हुई है। वर्ष 2020-21 में अब तक कुल 2,70,920 केडब्ल्यूएच सौलर ऊर्जा का उत्पादन किया गया है। 7 लाख 17 हजार 938 रुपए की बचत हुई है। इस प्रकार कारखाने ने 40 लाख की बचत बिजली बिल के मद में की है। वर्तमान में कारखाने में उपयोग होने वाली ऊर्जा का 28 प्रतिशत सौर ऊर्जा के माध्यम से प्राप्त हो रहा है।
अब कारखाने में 382 किलोवॉट की क्षमता का प्लान्ट लगाने के लिए कार्य चालू है। इसके लगने के बाद कारखाना हर साल 12 लाख की बचत कर सकेगा।
इसके अलावा कारखाने की 930 लाइट को एलईडी में परिवर्तित कर दिया गया है। वेल्डिंग ट्रांसफ ॉर्मरों पर एनर्जी सेवर लगाए हैं। इन प्रयासों के चलते कनेक्टेड लोड में 2319 किलोवॉट की कमी आई है।
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