डेढ़़ साल से ज्यादा वक्त तक एक के बाद एक हाथों में बिकते हुए कोटा तक पहुंची तत्समय किशोर वय यह मासूम मौका मिलते ही दलालों के चुंगल से भाग निकली। लेकिन, यहां न कोई उसकी भाषा जानता था और ना ही उसे अपने घर का पता मालूम था।
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18 महीने की कोशिशों के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने जैसे-तैसे उसका ठिकाना तलाश किया और अब कोटा बांग्लादेश को उसकी ‘खुशी’ वापस लौटाने जा रहा है।
19 अगस्त 2016… कैथूनीपोल के पास खड़ी एक बदहवास लड़की को देख वहां से गुजरते लोगों को किसी अनहोनी का अंदेशा हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची।
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चिठियो को मिला पता‘खुशी’ का पता मालूम पडऩे के बाद सीडब्ल्यूसी ने 12 अप्रेल 2018 को बंग्लादेश के दूतावास को जानकारी दी। दूतावास ने महज 18 दिन में लड़की के परिजनों को तलाश कर जानकारी कोटा भेज दी। इतना ही नहीं, उसे वापस घर भेजने के लिए ट्रेवल परमिट भी जारी कर दिया। पहचान साबित हो जाने के बाद अब बाल कल्याण समिति बांग्लादेश को उसकी ‘खुशी’ लौटाने में जुटी है।