अध्यक्ष जायसवाल का कहना है कि सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बेटियों को आगे बढऩे का मौका दे रही है, लेकिन जब बेटियां कुछ मांग कर रही हैं तो सरकार साथ नहीं दे रही। कॉलेज प्रशासन का भी इस कार्यक्रम के लिए समर्थन नहीं मिल रहा। छात्रसंघ शपथ ग्रहण समारोह करवाने का अधिकार हमें मिलना चाहिए। हम किसी के पास नहीं जाएंगे, अब अधिकारी या शिक्षक खुद हमारे पास आएंगे।
भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक कॉलेज प्रशासन हमारी मांगें नहीं मान लेता। एबीवीपी से गुंजन झाला और धरने पर बैठी छात्राओं के परिजन सहित अन्य मौजूद रहे। अनशन स्थल पर पुलिस प्रशासन की ओर से महिला कांस्टेबल व अन्य पुलिसकर्मी तैनात हैं।
नहीं करवाया स्वास्थ्य परीक्षण
छात्राएं दो दिन से कॉलेज के बाहर भूखी-प्यासी धरने पर बैठी हैं, लेकिन किसी ने उनका स्वास्थ परीक्षण तक नहीं करवाया। छात्राओं का आरोप है कि यदि किसी छात्रा की तबीयत खराब होती है तो इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों व शिक्षकों की होगी।
छुट्टी पर चली गई प्राचार्य
समारोह को लेकर छात्राओं की खींचतान को लेकर प्राचार्य व कार्यवाहक प्राचार्य दोनों छुट्टी लेकर चली गईं। ऐसे में उनकी सुनवाई करना वाला कोई नहीं बचा। जबकि शपथ ग्रहण समारोह करवाने की तिथि 15 दिसम्बर है।
गौतरलब है कि महाविद्यालय में छात्रासंघ कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजनीति गर्मा गई है। प्रशासन स्थानीय प्रतिनिधि या सरकार के मंत्री को अतिथि के रूप में आमंत्रित करना चाहता है। वहीं छात्राएं अपने संगठन के पदाधिकारी को अतिथि के रूप में बुलाना चाहती हैं।