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फूट-फूट कर रोने लगी छात्राएं
इनरव्हील क्लब की सदस्य चिकित्सालय में पहुंची और छात्रा को हिम्मत देते हुए उक्त मामले की जानकारी ली तो छात्राएं फूट-फूट कर रोने लगी। छात्राओं ने बताया कि वार्डन कमरे की सफाई व कपड़े भी छात्राओं से ही धुलवाती है। बाजार में सब्जियां लेने भेजती है और खराब सब्जियां आने पर मारपीट करती हैं।
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छात्राएं बोली-हमारे साथ होती है मारपीटछात्राओं के लिए आने वाले राशन में गड़बड़झाला कर खुद का राशन भी हॉस्टल के हिसाब में जुड़वाती है। शिकायत करने पर वह टीसी काटने की धमकी देती हैं। पूर्व में भी वार्डन द्वारा हमारे साथ मारपीट की गई। ( Beating From Girls Student ) हम अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस होने पर हिम्मत जुटाकर उपखंड कार्यालय गई थी, जहां हमें न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने वार्डन को छात्रावास से हटाकर जांच कराने की मांग की है। वहीं, अस्पताल में मौजूद वार्डन मुकलेश मीणा लगातार अपनी सफाई देते हुए बालिकाओं को झंूठलाने का प्रयास कर रही थी। उनका कहना था कि शिकायत करने वाली छात्रा बीमारी से ग्रस्त है। मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
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जांच कमेटी गठितदेर शाम छबड़ा चिकित्सालय में उपखंड अधिकारी ने पहुंचकर छात्रा से बातचीत की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया। उपखंड अधिकारी ने उक्त मामले को लेकर तहसीलदार के नेतृत्व में तीन सदस्य समिति गठित की और तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इसके बाद वे देर शाम हॉस्टल भी पहुंचे, जहां उन्होंने छात्राओं का हालचाल जाना। दूसरी ओर वार्डन मुकलेश मीणा का कहना है कि शिकायत करने वाली छात्रा बीमारी से ग्रस्त है। मेरे खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।